भारत ने इंडिया स्टैक को साझा करने के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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भारत और त्रिनिदाद तथा टोबैगो ने इंडिया स्टैक को साझा करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इंडिया स्टैक खुले एपीआई और डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं का एक संग्रह है जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर पहचान, डेटा और भुगतान सेवाओं को सुविधाजनक बनाना है। दोनों पक्षों ने क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, श्रेष्ठ व्यवहारों, सार्वजनिक अधिकारियों और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, पायलट या डेमो सॉल्यूशनों के विकास आदि के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्रों में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की।
यह सहयोग समझौता केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा पिछले सप्ताह त्रिनिदाद और टोबैगो के डिजिटल परिवर्तन मंत्री सीनेटर श्री हसेल बच्चूस के साथ मुलाकात के बाद हुआ है। उन्होंने बैठक के दौरान, आईटी, उभरती प्रौद्योगिकियों और इंडिया स्टैक के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर चर्चा की।
राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इंडिया स्टैक पेशकश के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने, जो वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार है) के सिद्धांत में विश्वास करते हैं, हमेशा दुनिया भर के देशों को इंडिया स्टैक की पेशकश को प्रोत्साहित किया है, विशेषकर उन देशों के लिए जो अपने डिजिटलीकरण के प्रयासों में पीछे छूट गए हैं। ये देश इंडिया स्टैक की सहायता से तेजी से डिजिटलीकरण की सीढ़ी चढ़ सकते हैं और अपनी अर्थव्यवस्थाओं एवं शासन को बदल सकते हैं।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "यह अगली पीढ़ी के नवाचार पर काम करने वाले स्टार्टअप, डेवलपर्स और सिस्टम इंटीग्रेटर्स का एक मजबूत इकोसिस्टम बनाएगा।
समझौता ज्ञापन पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन तथा विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
भारत ने जून 2023 से पहले ही आर्मेनिया, सिएरा लियोन, सूरीनाम और एंटीगुआ तथा बारबुडा जैसे देशों के साथ इंडिया स्टैक साझा करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि मॉरीशस, सऊदी अरब जैसे कई देशों ने रुचि दिखाई है और इंडिया स्टैक पर सहयोग को अंतिम रूप देने के उन्नत चरण में हैं। पिछले महीने पापुआ न्यू गिनी के साथ भी इसी तरह के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो वैश्विक स्तर पर पहल की बढ़ती रुचि और स्वीकृति को दिखाता है। यूपीआई, जो इंडिया स्टैक का भी एक हिस्सा है, को फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और श्रीलंका में स्वीकार किया गया है।