कपिल देव: पहले क्रिकेट विश्व कप विजेता, पूर्व भारतीय कप्तान और महान क्रिकेटर

कपिल देव: पहले क्रिकेट विश्व कप विजेता, पूर्व भारतीय कप्तान और महान क्रिकेटर

कपिल देव कहूं या क्रिकेट कहूं दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं जिन्होंने पूरे भारत को क्रिकेट की एक नई परिभाषा दी। 1983 के क्रिकेट वर्ल्ड कप को जीत के हिंदुस्तान के सिर पर क्रिकेट का ताज पहना कर उसको क्रिकेट का बेताज बादशाह बनाने वाले कपिल देव : जिनकी वजह से या जिनको देखकर इस देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के हजारों लोग क्रिकेटर बनने का सपना देखें और उनमें से कुछ लोग, उनसे भी आगे निकल गए जिनमें सबसे ऊपर नाम आता है "क्रिकेट की दुनिया का भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर "

सचिन तेंदुलकर भी अपने बचपन में कपिल देव को जब 1983 का वर्ल्ड कप उठाते हुए टीवी पर देखा तब यह सपना संजोए की एक दिन मैं भी इंडिया के लिए वर्ल्ड कप पर लेकर आऊंगा और वह सपना 2011 में सचिन तेंदुलकर का सच भी हुआ।

आज हम ऐसे ही महान क्रिकेटर कपिल देव के बारे में और उनके जीवन के बारे में प्रकाश डालेंगे।

 

जीवन परिचय : 

◆ कपिल देव रामलाल निखंज जन्म 6 जनवरी 1959, चंडीगढ़ में हुआ था  जिन्हें कपिल देव के नाम से जाना जाता है, एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्हें क्रिकेट खेलने वाले महानतम ऑलराउंडरों में से एक माना जाता है।

◆ उपनाम “द हरियाणा हरिकेन” 

◆ कपिल देव के पिताजी राम लाल निखंज एक इमारत और लकड़ी के ठेकेदार थे और उनकी माता जी का नाम राज कुमारी था। उनके माता-पिता भारत के विभाजन के दौरान रावलपिंडी, पंजाब से चले आए।

◆ उनकी प्रारंभिक शिक्षा DAV School चंडीगढ़ से हुई, उसके बाद 1971 में देश प्रेम आजाद स्कूल से जुड़ गए।

◆ कपिल देव ने रोमी भाटिया से 1980 में शादी की और जिनसे उनको 16 जनवरी 1996 को एक बेटी अमिया देव का जन्म हुआ।

क्रिकेट कॅरियर

टेस्ट कॅरियर ( 1978-1994)

◆कपिल देव ने 131 टेस्ट मैच खेले, उन्होंने 184 पारियों में  5248 रन बनाए, जिसमें सबसे ज्यादा 163 रन हैं।

उन्होंने 8 शतक और 27 अर्धशतक लगाए।

वनडे

वनडे  कॅरियर ( 1978-1994)

◆ कपिल देव ने 225 एकदिवसीय मैच खेले।

◆ 225 मैचों में 198 पारियां खेलते हुए 3783 रन बनाए, जिसमें सर्वाधिक 175 रन बनाए।

◆ कपिल देव ने 1 शतक और 14 अर्धशतक लगाए

क्रिकेट  कॅरियर की शुरुआत

◆ उनका पदार्पण बहुत ही प्रभावशाली रहा नवंबर,1975 में हरियाणा के लिए अपने प्रथम श्रेणी पदार्पण पर, कपिल ने छह विकेट लिए और पंजाब को 63 रनों पर रोक दिया। कपिल ने अपना पहला प्रथम श्रेणी सत्र (1975-76) 30 मैचों में 121 विकेट लेकर समाप्त किया।

पुरस्कार व उपलब्धियां

◆ कपिल देव को 2002 में विजडन द्वारा भारतीय क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी के रूप में नामित किया गया था,

◆ दिल से एक देशभक्त: 

वह 24 सितंबर, 2008 को मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में भारतीय प्रादेशिक सेना में शामिल हुए।

◆ क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी

कपिल देव को सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर से आगे, 2002 के दौरान भारत के क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी के रूप में वोट दिया गया था।

◆ उन्हें भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार( 1979 – 80),पद्म भूषण(1991) पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।

आत्मकथा

उन्होंने तीन आत्मकथात्मक रचनाएँ लिखी हैं। 1985 में 'गॉड्स डिक्री' और 1987 में 'क्रिकेट माई स्टाइल' सामने आया। उन्होंने 2004 में 'स्ट्रेट फ्रॉम द हार्ट' शीर्षक से अपनी सबसे हालिया आत्मकथा जारी की।

कपिल देव के क्रिकेट कॅरियर से जुड़ी हुई अन्य बातें

 ◆ 1983 में भारत को उनके पहले और एकमात्र क्रिकेट विश्व कप में कप्तानी करने और 1994 और 1999 के बीच सबसे अधिक टेस्ट मैच विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया गया था। 

◆ कपिल देव भारत के राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी भी थे। अक्टूबर 1999 और अगस्त 2000 के बीच 10 महीने के लिए कोच।

◆कपिल दाएं हाथ के तेज गेंदबाज थे जो अपने शानदार एक्शन और शक्तिशाली आउटस्विंगर के लिए जाने जाते थे, और अपने करियर के अधिकांश समय में भारत के मुख्य स्ट्राइक गेंदबाज रहे। 

◆ उन्होंने 1980 के दशक के दौरान एक अच्छी इनस्विंगिंग यॉर्कर भी विकसित की जिसका उन्होंने टेल-एंडर्स के खिलाफ बहुत प्रभावी ढंग से उपयोग किया। 

◆ एक बल्लेबाज के रूप में वे गेंद के प्राकृतिक स्ट्राइकर थे जो प्रभावी रूप से हुक और ड्राइव कर सकते थे। एक स्वाभाविक रूप से आक्रामक खिलाड़ी, उसने अक्सर कठिन परिस्थितियों में विपक्ष पर आक्रमण करके भारत की मदद की। 

◆ उनका उपनाम द हरियाणा हरिकेन था - वे हरियाणा क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करते थे।

◆ टेस्ट क्रिकेट के पूरे इतिहास में केवल एक व्यक्ति 5000 रन और 400 विकेट की अनुकरणीय ऊंचाइयों तक पहुंचा है, "क्वाड्रपल डबल", और हरफनमौला माउंट एवरेस्ट की चोटी पर अकेला बैठा है। वह शख्स कोई और नहीं बल्कि भारत के सबसे शानदार ऑलराउंडर कपिल देव हैं।

कोचिंग कार्यकाल

◆1999 में उन्हें अंशुमान गायकवाड़ के उत्तराधिकारी के रूप में भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया था। 

◆ अक्टूबर 1999 और अगस्त 2000 के बीच 10 महीनों के लिए उनका भारत के कोच के रूप में एक साधारण कार्यकाल था। उन्हें मनोज प्रभाकर द्वारा मैच फिक्सिंग विवाद में भी घसीटा गया था। लेकिन, बाद में इन आरोपों को खारिज कर दिया गया था। हालांकि, इस विवाद के बाद कपिल ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया।

सेवानिवृत्ति के बाद

◆ 1994 में क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कपिल देव ने गोल्फ खेलना शुरू किया। वह 2000 में लॉरियस फाउंडेशन के एकमात्र एशियाई संस्थापक सदस्य थे। इयान बॉथम और विव रिचर्ड्स 40 की संस्थापक सदस्य परिषद में अन्य दो क्रिकेटर थे। स्टीव वॉ को 2006 में अकादमी के सदस्यों में जोड़ा गया था, जब इसे 40 से 42 तक विस्तारित किया गया था।

अन्य रोचक बातें

◆कभी रन आउट नहीं : अपने 184 टेस्ट पारियों के लंबे करियर में वह कभी भी रन आउट नहीं हुए।

◆कपिल देव 100 विकेट और 1,000 रन का ऑलराउंड डबल हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के टेस्ट खिलाड़ी थे।

◆ टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी:

8 फरवरी, 1994 को, उन्होंने हैडली के 431 विकेटों के विश्व रिकॉर्ड को पार करने के लिए श्रीलंका के हर्षन तिलकेरत्ने का विकेट लिया और 434 विकेटों के साथ सेवानिवृत्त हुए।

◆  उन्होंने आठ साल तक विश्व रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद साल 2000 में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज कर्टनी वॉल्श ने इसे तोड़ा। 

◆ 1988 में कपिल जोएल गार्नर को पछाड़कर वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। 

◆ 1994 में वसीम अकरम द्वारा तोड़े जाने तक 253 विकेटों का उनका अंतिम करियर एक रिकॉर्ड बना रहा।

◆ 1983 विश्व कप की सुनहरी यादें:

8 मैचों में 303 रन, 12 विकेट और 7 कैच - ये कपिल देव के 1983 वर्ल्ड कप के आंकड़े थे। जिम्बाब्वे के खिलाफ उनकी 175 रनों की असाधारण पारी ने भारत को क्वार्टर फाइनल से बाहर होने से बचा लिया। फाइनल मैच में शक्तिशाली वेस्टइंडीज टीम को हराकर भारत कप उठाने के लिए आगे बढ़ा। यह भारतीय क्रिकेट में गौरव के सबसे बड़े क्षणों में से एक था और देश में इस खेल के लिए एक बड़ा बदलाव लाया।

◆ लगातार चार छक्के:

वह एक आक्रामक बल्लेबाज थे, जिन्हें बार-बार छक्के मारने की आदत थी। वह 1990 के लॉर्ड्स टेस्ट मैच के दौरान एक उल्लेखनीय घटना में शामिल थे, जब उन्होंने ऑफ स्पिनर एडी हेमिंग्स को लगातार चार छक्के लगाकर भारत को फॉलोऑन लक्ष्य से आगे कर दिया।

◆  All Fit All hit : 16 वर्षों में के अपने 131 टेस्ट के करियर में कपिल देव ने चोट या फिटनेस कारणों से कभी कोई टेस्ट मिस नहीं किया।

कपिल देव
भारत
कपिल देव
पूरा नाम कपिल देव रामलाल निखंज
जन्म 6 जनवरी, 1959
बल्लेबाज़ी का तरीक़ा दायें हाथ का बल्लेबाज
गेंदबाज़ी का तरीक़ा दायें हाथ का गेंदबाज
टेस्ट क्रिकेट एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट
मुक़ाबले 131 225
बनाये गये रन 5248 3783
बल्लेबाज़ी औसत 31.05 23.79
100/50 8/27 1/14
सर्वोच्च स्कोर 163 175*
फेंकी गई गेंदें 27740 11202
विकेट 434 253
गेंदबाज़ी औसत 29.64 27.45
पारी में 5 विकेट 23 1
मुक़ाबले में 10 विकेट 2 नहीं है
सर्वोच्च गेंदबाज़ी 9/83 5/43
कैच/स्टम्पिंग 64/0 71/0

28 अप्रैल, 2007 के अनुसार
स्रोत: [1]