1 जुलाई से लागू भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), आईपीसी की धाराओं में हुए परिवर्तन
नई दिल्ली: 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लागू होगी, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की पुरानी धाराओं को प्रतिस्थापित करेगी। इसमें विभिन्न अपराधों के लिए नई धाराएं निर्धारित की गई हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण बदलाव दिए गए हैं:
- हत्या (आईपीसी 302) अब बीएनएस 103
- हत्या का प्रयास (आईपीसी 307) अब बीएनएस 109
- मारपीट (आईपीसी 323) अब बीएनएस 115
- छेड़छाड़ (आईपीसी 354) अब बीएनएस 74
- शारीरिक संपर्क और आगे बढ़ना (आईपीसी 354ए) अब बीएनएस 76
- शारीरिक संस्पर्श और अश्लीलता (आईपीसी 354बी) अब बीएनएस 75
- ताक-झांक करना (आईपीसी 354सी) अब बीएनएस 77
- पीछा करना (आईपीसी 354डी) अब बीएनएस 78
- नाबालिग का अपहरण करना (आईपीसी 363) अब बीएनएस 139
- बलात्कार करना (आईपीसी 376) अब बीएनएस 64
- लूट करना (आईपीसी 392) अब बीएनएस 309
- धोखाधड़ी (आईपीसी 420) अब बीएनएस 318
- जान से मारने की धमकी देना (आईपीसी 506) अब बीएनएस 351
- उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करना (आईपीसी 304ए) अब बीएनएस 106
- दहेज हत्या (आईपीसी 304बी) अब बीएनएस 80
- आत्महत्या के लिए उकसाना (आईपीसी 306) अब बीएनएस 108
- आत्महत्या का प्रयास करना (आईपीसी 509) अब बीएनएस 79
- विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण (आईपीसी 286) अब बीएनएस 287
- गाली देना या गलत इशारे करना (आईपीसी 294) अब बीएनएस 296
- महिला की लज्जा भंग करना (आईपीसी 509) अब बीएनएस 79
- जानबूझकर चोट पहुंचाना (आईपीसी 324) अब बीएनएस 118(1)
- गंभीर चोट पहुंचाना (आईपीसी 325) अब बीएनएस 118(2)
- लोकसेवक को डरा कर रोकना (आईपीसी 353) अब बीएनएस 121
- दूसरे के जीवन को खतरा पहुंचाना (आईपीसी 336) अब बीएनएस 125
- मानव जीवन को खतरे में पहुंचाना (आईपीसी 337) अब बीएनएस 125(ए)
- मानव जीवन को खतरे वाली चोट (आईपीसी 338) अब बीएनएस 125(बी)
- किसी को जबरन रोकना (आईपीसी 341) अब बीएनएस 126
- विषैला पदार्थ के संबंध में उपेक्षा पूर्ण आचरण (आईपीसी 284) अब बीएनएस 286
- अन्यथा अनुबंधित मामलों में लोक बाधा दंड (आईपीसी 290) अब बीएनएस 292
- अपराधिक अतिवार (आईपीसी 447) अब बीएनएस 329(3)
- गृह अतिचार के लिए दंड (आईपीसी 448) अब बीएनएस 329(4)
- चोरी के लिए मृत्यु क्षति (आईपीसी 382) अब बीएनएस 304
- दूसरा विवाह करना (आईपीसी 493) अब बीएनएस 82
- पति या उसके रिश्तेदार द्वारा क्रूरता (आईपीसी 495ए) अब बीएनएस 85