गजेंद्र सिंह शेखावत
धीर,गंभीर वाक् चातुर्य में प्रवीण, अनुभवी राजनेता व वर्तमान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री कैबिनेट
आइए हौसले जिनके बुलंद,आवाज में रौब, राठौड़ी तेवर, मर्यादा और कर्तव्यनिष्ठ व आपणायत के शहर जोधपुर के लाडले श्री गजेंद्र सिंह जी शेखावत के जीवन पर प्रकाश डालते है।
परिचय
गजेंद्र सिंह जी का जन्म सीकर जिले के गांव महरोली में शंकर सिंह शेखावत व मोहन कंवर के घर 3 अक्टूबर, 1967 को हुआ। गजेंद्र सिंह शेखावत का परिवार वर्तमान में जोधपुर में निवास करता है। मूलरूप से शेखावत सीकर जिले के रहने वाले हैं। उनके पिताजी शंकर सिंह शेखावत जलदाय विभाग में वरिष्ठ अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त है। पिता की सर्विस राजस्थान में अनेक स्थानों पर रही इसके चलते उनकी जो प्रारंभिक शिक्षा है वोअलग-अलग शहर-कस्बों में हुई। शेखावत ने जयनारायण विश्वविद्यालय, जोधपुर राजस्थान से एमए (दर्शन शास्त्र) और एमफिल (दर्शन शास्त्र) से डिग्री प्राप्त की। 24 नवम्बर, 1993 को गजेन्द्र सिंह शेखावत की शादी नौनंद कंवर के साथ हुई। उनसे एक बेटा व दो बेटी हैं।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत :
शेखावत ने छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी जब वह 1992 में जेएनवीयू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे वहां से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत मानी जाती है। इस चुनाव में उनको भारी बहुमत मिला जोकि रिकॉर्ड के रूप में दर्ज हुआ था। छात्र जीवन से ही वह संघ (आरएसएस) परिवार से जुड़ गए। इसके बाद समाज सेवा को अपनाया और स्वदेशी जागरण मंच व सीमा जन कल्याण समिति में कार्य किया।
इसके पश्चात शेखावत 1994 में ईस्ट अफ़्रीका के देश इथोपिया चले गए और वहाँ खुद की जमीन पर खेती करने लगे, लेकिन मन में कहीं ना कहीं राजनीति की वो ललक जिंदा रही। शायद यही वो वजह रही थी जिसके चलते उनकी वतन वापसी हुई और उनकी वापसी इतनी शानदार रही कि पहले ही चुनाव में उन्होंने भारी बहुमत से अपनी जीत सुनिश्चित की।
छात्र जीवन से ही भाजपा से जुड़ाव रहने के कारण लोकसभा चुनाव 2014 में उनको टिकट भी मिल गया एवं इस चुनाव में अपनी प्रतिद्वंदी व जोधपुर नरेश गजसिंह जी की बड़ी बहन चंद्रेश कुमारी को हराया। पहला ही चुनाव जीता और केन्द्र में कृषि राज्यमंत्री के पद तक पहुंचे। लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस की चंद्रेश कुमारी को 4 लाख एक हजार 51 मतों से मात देकर पहली बार सांसद बने। इसके बाद मोदी टीम के साथ जुड़कर सक्रियता से काम किया और जोधपुर ही नहीं बल्कि पूरे मारवाड़ और राजस्थान में लोगों का दिल जीत लिया। उसके बाद उनको किसान मोर्चा का राष्ट्रीय महामंत्री भी बनाया गया।
शेखावत अपनी सक्रिय भूमिका से भारतीय जनता पार्टी के राजस्थान में प्रमुख चेहरा बनकर उभरे और मोदी लहर के साथ जोड़कर फिर से एक बार लोकसभा चुनाव 2019 में जोधपुर से सीएम के गढ़ से उनके बेटे वैभव गहलोत को हराकर भाजपा का उन पर जताए गए भरोसे पर खरे उतरे।
इस चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को 514448 वोट और शेखावत ने 7 लाख 88 हजार 888 वोट मिले । शेखावत की 2 लाख 74 हजार 440 मतों से जीत हुई। लोकसभा चुनाव 2019 में जोधपुर सीट राजस्थान की सबसे हॉट सीटों में से एक थी।
रुचियां :
शेखावत की विभिन्न रुचि आ रही है जिनमें शामिल है सहकारिता, सामाजिक कार्य, शिक्षा, सतत जल संसाधन विकास, उद्योग, ग्रामीण विकास, व्यापार संघ और संघों, पढ़ना, यात्रा, खेल और संगीत, बास्केट बॉल और टेनिस आदि। वह सरदार क्लब और उम्मेद क्लब, रोटरी क्लब और भारत के संविधान क्लब के सदस्य हैं। बास्केट बॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी है। उन्होंने बास्केट बॉल में राष्ट्रीय और अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय स्तर पर भाग लिया। उनका यह कारवां ऐसे ही आगे बढ़े और उनकी सक्रियता भूमिका को देखते हुए अब उनको भाजपा के आगामी मुख्यमंत्री के रूप में भी देखा जा रहा है।
विदेशी दौरे :
अब तक गजेंद्र सिंह जी विभिन्न देशों की यात्रा कर चुके हैं जिनमें ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, ब्राजील, चीन, दुबई, इंग्लैंड, इथियोपिया, फिनलैंड, जर्मनी, हांगकांग (चीन के जनवादी गणराज्य का विशेष प्रशासनिक क्षेत्र), हंगरी, इज़राइल, जापान, रूस, रवांडा, सिंगापुर, स्वीडन, थाईलैंड, तुर्की और संयुक्त राज्य अमेरिका आदि शामिल है।
गजेंद्र सिंह जी से जुड़ी हुई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां
◆ 1992 में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री भैरों सिंह शेखावत से अध्यक्ष पद की शपथ लेने का गौरव प्राप्त हुआ व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के झंडे के नीचे अब तक के सर्वोच्च रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की।
◆ आयोजित कार्यकाल के दौरान अखिल भारतीय छात्र नेता सम्मेलन, विभिन्न सांस्कृतिक और खेल आयोजन; निम्नलिखित कार्यकालों में चौपासनी शिक्षा समिति की शासी परिषद के सदस्य के रूप में सर्वाधिक वोटों से चुने गए 2001-2006 की तुलना में 2006-2011 में निर्विरोध चुने गए जोकि 2011 से अब तक है।
◆ कार्यक्रम और मंच प्रस्तुत करने के लिए: सह-संयोजक के रूप में आयोजित स्वदेशी 2000-2006 से स्वदेशी जागरण मंच के तहत जोधपुर में मेला, इस आयोजन में अब तक के सबसे अधिक दर्शकों की संख्या लगभग 10 लाख दर्ज की गई है, जिसके परिणामस्वरूप स्वदेशी उद्योग में भाग लेने वाले सभी लोगों के लिए मेगा बिक्री हुई है।
◆ स्वदेशी मेले को वरिष्ठ राजनीतिक और सामाजिक नेताओं श्री मोहन राव जी भागवत, श्री एल.के. आडवाणीजी, श्री राजनाथ सिंहजी, श्रीमत वसुंधरा राजेजी, डॉ. रमन सिंहजी और कई अन्य, जो प्रतिभागियों और स्वदेशी कारण में विश्वास को मजबूत किए।
◆ सीमा जन कल्याण समिति के महासचिव के रूप में कार्य किया। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले नागरिकों के जीवन को ऊपर उठाकर और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ माध्यमिक रक्षा की एक सिविल लाइन बनाकर राजस्थान के 4 प्रमुख जिलों और लगभग 17 तहसीलों को कवर करने के लिए आरएसएस द्वारा प्रचारित एक गैर सरकारी संगठन; सीमा जन कल्याण समिति के साथ प्रयासों को जारी रखते हुए, 40 स्कूलों और 4 छात्रावासों की स्थापना की।
◆ सीमा जनकल्याण मिशन का समर्थन किया और शिक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सीमा क्षेत्र में युवा प्रेरणा सत्र आयोजित करवाए। प्राथमिक कोचिंग शिविर युवाओं को रक्षा के साथ करियर बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए और अन्य संबद्ध कैरियर उन्मुख सेवाएं की।
◆ खेल और युवा मामले : जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय वर्ष 1992 में राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ स्टैंड-इन और जेल गए और सत्य को बाधित करने वाली ट्यूशन संस्कृति के खिलाफ आंदोलन के लिए भूख हड़ताल पर रहे।
◆ विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और अनुचित मॉडरेशन प्रणाली द्वारा एक महान कार्य के रूप में शिक्षण के मूल्य पर आंदोलन उनकी एक बड़ी सफलता थी और अंततः विश्वविद्यालय के सिंडिकेट विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों द्वारा ट्यूशन संस्कृति के खिलाफ एक विशेष प्रस्ताव पारित करने के लिए बाध्य होना पड़ता।
◆ सिंडीकेट में एकमात्र छात्र प्रतिनिधि सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए विश्वविद्यालय के इतिहास में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर की शासी परिषद; सीनेट, अकादमिक परिषद और विभिन्न समितियों के सदस्य के रूप में कार्य किया।
अनुभव के क्षेत्र :
◆ सतत विकास ग्रामीण विकास और सरकार, नागरिक समाजों और लक्षित लोगों की पूर्ण भागीदारी वाले लोगों के साथ जमीन पर काम करने के व्यावहारिक अनुभव के साथ समन्वय बनाए रखना।
◆ जल संसाधन विकास योजना और नीति निष्पादन; पर्यावरण के मुद्दें; औद्योगिक विकास के लिए नीति निष्पादन और सुझाव; विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के लिए काम किया।
◆ उद्योग हस्तशिल्प और कृषि उद्योग के साथ काम जटिल मुद्दों पर रणनीतिक सलाह व प्रबंधन की सलाहकार के रूप में काम किया।
◆ लोगों और प्रशासन के बड़े लाभ के लिए राजनीतिक भूमिकाएं राज्य और शहर स्तर की वार्ता; विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न संगठनों में जमीनी, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग किया।
◆ सदस्य: बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया; और हस्तशिल्प उद्योग, जोधपुर
उनका यह सफर काफी लंबा रहा और इस पूरे सफर के दौरान हमेशा सकारात्मक ऊर्जा के साथ पूरे धैर्य के साथ आगे बढ़ते रहना और इस सफर में उन्होंने अपने धैर्य और गंभीरता को बिल्कुल भी नहीं खोया । उनका भी यह सफर आसान नहीं था हर एक संघर्षशील युवा जो छात्र नेता बनता है जहां से वह शुरुआत करता है और उसके बाद जो पड़ाव पार करके वह एक मुकाम तक पहुंचता है इसी प्रकार का रहा है इस मुकाम तक पहुंचने के इस सफर में जितनी बाधाएं आई उन्होंने उनका हंसकर सामना किया और अपनी बात पर अडिग रहना जोकि उनके चारित्रिक विशेषता की सबसे प्रमुख विशेषता है। जिसके बल पर अपने आप को स्थापित किया वह काबिले-ऐ-तारीफ है।
आज प्रदेश के साथ ही पूरे देश में गजेंद्र सिंह शेखावत भाजपा के नेतृत्व में देश के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अपने आप को हर मोर्चे पर खड़ा करके पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं देश के लिए कार्य करते हैं।
पार्टी में उनकी छवि और कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2019 में 17वीं लोकसभा में उनको कैबिनेट मंत्रालय दिया गया। यह उनकी लोकप्रियता व कर्तव्यनिष्ठा का ही प्रतिफल है कि उनको भाजपा बहुमत सरकार में कैबिनेट में जल शक्ति मंत्रालय का केंद्रीय मंत्री बनाया गया।
वर्तमान में वह पार्टी के कार्य, देश के कार्यों के साथ ही परिवार और समाज के बीच जिस प्रकार से सामंजस्य बिठाकर चल रहे हैं वह एक मिसाल के तौर पर सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है
शेखावत जी जिस प्रकार से निरंतरता के साथ आगे बढ़ रहे हैं वह इसी प्रकार से आगे बढ़े और देश और प्रदेश का नाम रोशन करने के साथ ही विकास उन्मुक्त मॉडल पर कार्य करके अपनी अनुकरणीय भूमिका अदा करें।
गजेंद्र सिंह शेखावत
( वर्तमान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री कैबिनेट)