प्रदेश के 26 जिलों के 400 सरकारी स्कूलों में एचडीएफसी के सहयोग से स्थापित होगी स्मार्ट कक्षाएं — जयपुर में सांगानेर के सुखपुरिया स्कूल में अभियान का शुभारम्भ, क्वालिटी कंटेंट बच्चों का अधिकार, स्मार्ट क्लासेज से आएगा बड़ा बदलाव-शासन सचिव
प्रदेश के 26 जिलों के 400 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में आगामी 75 दिनों में एचडीएफसी बैंक के सहयोग से स्मार्ट क्लास रूम तैयार किए जाएंगे, इनमें स्कूल शिक्षा विभाग के नवचार ‘मिशन स्टार्ट‘ के तहत विद्यार्थियों को ‘मिशन ज्ञान‘ के कक्षा 9 से 12 तक के ई-लेक्चर के माध्यम से आनलाइन और ऑफलाइन मोड पर पढ़ाई कराई जाएगी। इस अभियान के तहत स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने गुरुवार को जयपुर में सांगानेर सिटी में संचालित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, सुखपुरिया में स्मार्ट कक्षा कक्ष का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जैन ने कहा कि क्वालिटी कंटेंट बच्चों का अधिकार है, इसी उद्देश्य से मिशन स्टार्ट के तहत प्रदेश के सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में संचालित स्मार्ट क्लासेज में टीवी, अच्छा ई-कंटेंट और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन स्मार्ट क्लासेज का किस प्रकार से साप्ताहिक टाइम टेबल के आधार पर संचालन किया जाए, इसकी ई-बुकलेट भी सभी स्कूलों में भेजी गई है। अब बारी शिक्षकों और संस्था प्रधानों की है, वे स्मार्ट क्लासेज के नियमित और सुचारू संचालन का नैतिक दायित्व पूरे कमिटमेंट के साथ निभाएं। प्रदेश के स्कूलों में इस प्रकार पढ़ाई से आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव आएगा।
अब 15 हजार स्कूलों में एडवांस टाइम टेबल से स्मार्ट पढ़ाई
उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गत दिनों प्रदेश में मिशन स्टार्ट की शुरुआत के बाद सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में प्रत्येक सप्ताह का अग्रिम टाइम टेबल बनाकर शाला दर्पण पोर्टल पर नियमित तौर पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए विभाग ने प्रारंभिक तौर पर 12 हजार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों का लक्ष्य तय किया था, मगर राज्य के स्कूलों के संस्था प्रधानों एवं शिक्षकों की तत्परता से शाला दर्पण पोर्टल पर 14 हजार 908 सीनियर सैकेंडरी स्कूलों ने एडवांस टाइम टेबल के आधार पर स्मार्ट कक्षाओं में ई-कंटेंट के माध्यम से अध्यापन शुरू कर दिया है।
पढ़ने के तरीके और मेहनत से पाए मुकाम
शासन सचिव ने सुखपुरिया स्कूल के बच्चों से संवाद करते हुए कहा कि जीवन में आगे बढ़कर अपना मुकाम हासिल करने के लिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप सरकारी या प्राईवेट स्कूल में पढ़ रहे है, राजस्थान बोर्ड या सीबीएसई के विद्यार्थी है अथवा आपकी पढ़ाई का माध्यम हिन्दी है या फिर इंग्लिश। फर्क इस बात से पड़ता है कि आप कैसा पढ़ते हैं, आपके पढ़ने का तरीका क्या हैं और कितनी मेहनत करते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे 9वीं से 12वीं तक के चार सालों में लगातार कड़ी मेहनत करें, इसके बल पर कॅरिअर में डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस या आरएएस बनने सहित कोई भी मनचाहा मुकाम प्राप्त किया जा सकता है।