जयपुर विधानसभा चुनाव: उम्र की सीमा नहीं, टिकट पाने के लिए जिताऊ होना जरूरी

जयपुर विधानसभा चुनाव: उम्र की सीमा नहीं, टिकट पाने के लिए जिताऊ होना जरूरी

कहते हैं राजनीति की कोई उम्र नहीं होती। अगर आप जिताऊ हैं तो पार्टी आपको टिकट देने में गुरेज नहीं करेगी। समय—समय पर दोनों प्रमुख पार्टियों ने ऐसा किया भी है। यही वजह है कि वर्तमान विधानसभा में कई ऐसे विधायक हैं, जिनकी उम्र 80 या उसके पार है। जयपुर शहर की बात कर ली जाए तो 2018 के चुनाव पर नजर डाली जाए तो भारतीय जन हितकारी पार्टी के सांगानेर से चुनाव लड़े अमर सिंह चौधरी सर्वाधिक उम्र 73 वर्ष के थे। वहीं सबसे कम उम्र की बात की जाए तो विद्याधर नगर से जागो पार्टी उम्मीदवार गौरव शर्मा और किशनपोल से निर्दलीय प्रत्याशी मोहम्मद अफरोज सबसे कम 25 वर्ष की उम्र थे।

भाजपा से राजवी और सराफ सबसे ज्यादा उम्र के विधायक

भाजपा और कांग्रेस की बात की जाए तो भाजपा के विद्याधर नगर विधायक नरपत सिंह राजवी और मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ 67 वर्ष की उम्र के थे। वहीं कांग्रेस से बगरू विधायक गंगादेवी की उम्र 60 वर्ष थी। हालांकि भाजपा ने इस बार राजवी का टिकट काटकर राजसमंद सांसद दीया कुमारी को विद्याधर नगर से उम्मीदवार बनाया है।

इन नेताओं की उम्र 50 से कम

भाजपा और कांग्रेस ने कई ऐसे नेता भी मैदान में उतारे जिनकी उम्र 50 से कम है। भाजपा की ओर से जयपुर में सबसे कम उम्र के प्रत्याशी बगरू से कैलाश वर्मा रहे। इनकी उम्र उस समय महज 33 साल थी। वहीं कांग्रेस से सबसे छोटी उम्र के प्रत्याशी सांगानेर से पुष्पेंद्र भारद्वाज रहे, उनकी उम्र 40 साल थी। इनके अलावा सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी की उम्र 42, अमीन कागजी की 48, अर्चना शर्मा की 46 थी।