आरजीएचएस कैंसर दवा घोटाला: अब ईडी की एंट्री, पांचवीं एजेंसी करेगी जांच
घटनाक्रम का सारांश
राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) के तहत कैंसर दवाओं के कथित घोटाले की जांच अब और गहरी हो गई है। इस मामले में पहले बासनी पुलिस ने जांच शुरू की थी, फिर साइबर क्राइम, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने भी अपनी जांच शुरू की। अब, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में शामिल मेडिपल्स अस्पताल, वहां के चिकित्सक, दवा विक्रेता झंवर और मुकदमा दर्ज करवाने वाले अधिकारी को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है।
जांच एजेंसियों की भूमिका
- बासनी पुलिस: इस मामले में सबसे पहले बासनी पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और प्रारंभिक जांच की।
- साइबर क्राइम: इसके बाद साइबर क्राइम विभाग ने जांच को अपने हाथ में लिया, जिससे डिजिटल साक्ष्यों की जांच की जा सके।
- एसओजी: उच्च न्यायालय ने एसओजी को डॉक्टर्स की भूमिका की जांच करने के लिए निर्देशित किया। एसओजी ने इसमें तेजी से कार्रवाई करते हुए महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए।
- एसीबी: एंटी करप्शन ब्यूरो ने भी इस मामले में कदम रखा, जिससे भ्रष्टाचार के पहलुओं की जांच की जा सके।
- ईडी: अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले में हस्तक्षेप किया है और विभिन्न संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है।
ईडी की जांच
ईडी ने मेडिपल्स अस्पताल, वहां के चिकित्सक, दवा विक्रेता झंवर, और मामले में शिकायत दर्ज कराने वाले अधिकारी को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अनियमितताओं की जांच के तहत हो रही है।
हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने एसओजी को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि वह डॉक्टर्स की भूमिका की गहनता से जांच करे। अदालत का मानना है कि इस मामले में डॉक्टर्स की संलिप्तता का पता लगाना आवश्यक है ताकि सच सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके।