हार के डर से कांग्रेस ने टुकड़ों में कराए पंचायत चुनाव : शेखावत
- - बीजेपी सरकार पर जानबूझकर पंचायत चुनाव नहीं कराए जाने के कांग्रेस के आरोपों पर बोले केंद्रीय मंत्री
- कहा, टुकड़ों में चुनाव कराने के बाद भी जनता ने कांग्रेस को पूरी तरह नकारा
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हार की डर से राजस्थान में टुकड़ों में पंचायत चुनाव कराए, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को पूरी तरह से नकारा।
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार पर प्रदेश में जानबूझकर पंचायत चुनाव नहीं कराने के आरोपों पर मीडिया से रू-ब-रू होते हुए ये बातें कहीं। बुधवार को सीकर में केंद्रीय मंत्री ने कहा, देश में अलग-अलग समय में होने वाले चुनावों के मद्देनजर लगने वाली आचार संहिता की वजह से विकास कार्यों में बाधा आती है। लिहाजा, भाजपा देश में एक साथ चुनाव कराने के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रही है, क्योंकि हमें अपने नेतृत्व, कार्यकर्ताओं और अपनी कार्यशैली पर पूर्ण विश्वास है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, प्रदेश के 35 साल के लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहली बार ऐसा हुआ कि कांग्रेस खुद सत्ता में रहने के बाद भी कई जिलों में अपने अध्यक्ष तक नहीं बना पाई। ऐसी पार्टी, जो वन स्टेट-वन इलेक्शन का विरोध कर रही है, उसे भाजपा सरकार पर इस तरह की टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनेगा राजस्थान
केंद्रीय मंत्री ने कहा, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में जिस तरह का वजट पेश किया गया है, वह निश्चित ही राज्य के विकास के साथ ही देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने का काम भी करेगा। शेखावत ने कहा, यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को दर्शाता है और यह राज्य की अर्थव्यवस्था को 30 लाख करोड़ बनाने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।
चुरू, सीकर और झुंझनूं में दूर होगा पानी का संकट
केंद्रीय मंत्री ने कहा, मैंने जलशक्ति मंत्री रहने के दौरान जल जीवन मिशन के माध्यम से देश के हर घर में नल से जल पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया, लेकिन राजस्थान में उस दौरान कांग्रेस सरकार होने की वजह से इस योजना को गति नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा, जैसे ही प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो मैंने 20 साल से राजस्थान में युमना का सरप्लस पानी आने से संबंधित लंबित मुद्दे को लेकर हरियाणा के साथ समझौता कराया। इस समझौते के बाद चुरू, सीकर और झुंझनूं सहित पूरे राजस्थान में आने वाले दिनों में पानी का बिल्कुल भी संकट नहीं रहेगा।