आयुष मंत्रालय असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अपना पहला 'चिंतन शिविर' आयोजित करेगा

दो दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श, चर्चाएँ होंगी, प्रख्यात वक्ता और विशेषज्ञ भाग लेंगे

आयुष मंत्रालय असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अपना पहला 'चिंतन शिविर' आयोजित करेगा

आयुष मंत्रालय 27 से 28 फरवरी, 2023 तक काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, असम में आयुष के लिए "चिंतन शिविर" आयोजित कर रहा है। केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल तथा आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई उद्घाटन सत्र में भाग लेंगे। चिंतन शिविर में प्रख्यात वक्ता, विशेषज्ञ, आयुष मंत्रालय के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी भाग लेंगे। आयुष क्षेत्रों और पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित मौजूदा नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में भविष्य के सुधारों पर चर्चा करने के लिए इस दो दिवसीय गहन संवाद की रूपरेखा तैयार की गई है। इसका उद्देश्य मंत्रालय और आयुष क्षेत्र, दोनों के लिए समग्र रूप से आगे बढ़ने का रास्ता तैयार करना है।

दो दिवसीय संवाद कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, असम सरकार, नीति आयोग, उद्योग जगत, स्टार्टअप, शिक्षा जगत आदि के प्रतिष्ठित वक्ताओं और विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा होगी। अन्य आयुष हितधारकों के साथ आपसी चर्चा के सत्र भी होंगे।

27 फरवरी को पहला सत्र "आयुष में डिजिटल स्वास्थ्य और प्रौद्योगिकी" विषय पर होगा। इसी दिन के दूसरे सत्र में "आयुष अनुसंधान, भविष्य की रणनीति, चुनौतियां और आगे का मार्ग" विषय पर विचार-विमर्श होगा। तीसरे सत्र में प्रख्यात वक्ता आयुष शिक्षा 'भविष्य की पहल', क्षमता निर्माण, रोजगार सृजन और एनईपी; के बारे में अपने विचार साझा करेंगे।

सम्मेलन के दूसरे दिन ‘आयुष औषधि उद्योग की वर्तमान चुनौतियां और आगे की राह, आयुष उत्पादों की सेवाएं और मानकीकरण’ विषय पर विचार-विमर्श किया जाएगा। यह सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत दुनिया के अन्य देशों की तुलना में आयुष बाजार में तेजी से आगे बढ़ा है और इसके पास वैश्विक बाजार का लगभग 2.8 प्रतिशत हिस्सा है। अगला सत्र ‘जन स्वास्थ्य के लिए आयुष, चुनौतियां और आगे का रास्ता’ विषय पर होगा।

इस दो दिवसीय संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य आयुष स्टार्टअप्स और निर्माताओं को आयुष में स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के तरीकों की पहचान करना भी है। यह आयुष के लिए अधिक मजबूत अनुसंधान और विकास अवसंरचना निर्माण की दिशा में काम करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। "चिंतन शिविर" में होने वाले विचार-विमर्श अमृतकाल को ध्यान में रखते हुए आयुष मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए दृष्टि दस्तावेजों के अनुरूप हैं और दो दिनों के इस आयोजन में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के शांत वातावरण की पृष्ठभूमि कई अन्य गतिविधियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। प्रतिभागियों को असम की परंपराओं, संस्कृति, वन्य जीवन और जैव विविधता के साथ प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का भी अवसर मिलेगा।

भारत वर्तमान में जी20 देशों और एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) का अध्यक्ष है। ये दो अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहे हैं, जब आयुष प्रणालियों के प्रति लोगों के रुझानों में व्यापक बदलाव आया है। बहुत से लोग समग्र स्वास्थ्य सेवा का विकल्प चुन रहे हैं। इस परिदृश्य के अनुरूप आगे बढ़ने और आयुष प्रणालियों को सामने लाने के लिए, काजीरंगा में "चिंतन शिविर" का आयोजन किया जा रहा है, ताकि आयुष संस्थानों के उन्नयन और तकनीकी प्रगति के साथ उनके एकीकरण के लिए रोड-मैप तैयार किया जा सके; आयुष को नई शिक्षा नीति के साथ एकीकृत करने के तरीकों की पहचान की जा सके तथा आयुष का लाभ उठाने के लिए सुधार की संभावना वाली वर्तमान सेवाओं की पहचान की जा सके।

सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए रोड मैप, तकनीकी प्रगति के अधिकतम उपयोग के साथ-साथ उपलब्ध कराने योग्य अन्य उत्पाद व सेवायें; "चिंतन शिविर" में दो दिनों के विचार-विमर्श के अपेक्षित परिणाम हो सकते हैं।