अलवर में कांग्रेस ने नए चेहरों को मौका दिया, दो मौजूदा विधायकों के टिकट काटे
लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने अलवर जिले की छह सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी, लेकिन बहु प्रतिक्षित अलवर शहर सीट को अभी असमंजस्य में छोड़ दिया। कांग्रेस की ओर से अब तक जिले की 11 सीटों में 10 पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। वहीं एक अलवर सीट पर उम्मीदवार की घोषणा होना शेष है। कांग्रेस ने इस सूची में नए चेहरों को मौका दिया है। पार्टी के दो मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए, वहीं दो मौजूदा विधायकों को कांग्रेस टिकट से नवाजा है। गहलोत सरकार को पांच साल तक सहयाेग करने वाले दो विधायकों को पुरस्कार स्वरूप टिकट दिया गया है। इनमें एक निर्दलीय तो एक बसपा से जीतकर कांग्रेस में शामिल हुए विधायक हैं। कांग्रेस ने राजगढ़- लक्ष्मणगढ़ और कठूमर विधायक को टिकट नहीं देकर नए चेहरे को उतारा है।
कांग्रेस की जारी सूची में सबसे चौंकाने वाला निर्णय राजगढ़- लक्ष्मणगढ़ से जौहरीलाल मीणा का टिकट काट रैणी प्रधान मांगीलाल मीणा को चुनाव मैदान में उतारना रहा। वहीं कठूमर से कांग्रेस के मौजूदा विधायक बाबूलाल बैरवा का टिकट काट जिला पार्षद संजना जाटव को देना खास बात रही। बाबूलाल बैरवा वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए और कांग्रेस से विधायक चुने गए।
सरकार की वफादारी का मिला इनाम
किशनगढ़बास से कांग्रेस ने फिर से अपने वरिष्ठ नेता और मौजूदा विधायक दीपचंद खैरिया पर दांव लगाया है। खैरिया 2018 में कांगेस से टिकट नहीं मिलने पर किशनगढ़बास से बसपा से चुनाव लड़े और जीते। बाद में वे कांग्रेस में शामिल होकर पूरे पांच साल कांग्रेस सरकार के वफादार नेताओं में शामिल रहे। वहीं थानागाजी से 2018 में निर्दलीय चुनाव जीत पांच साल तक गहलोत सरकार के साथ रहे। कांग्रेस ने दोनों विधायकों की कांग्रेस सरकार के प्रति निष्ठा को देख पार्टी का टिकट दिया है।
एक दिन पहले बसपा का टिकट छिना, अगले दिन कांग्रेस ने थमाया
कांग्रेस की सूची में सबसे अचंभित करने वाला निर्णय तिजारा विधानसभा क्षेत्र से इमरान खान को टिकट देना रहा। इमरान को बसपा ने पूर्व में तिजारा से अपना प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन कांग्रेस से बढ़ती नजदीकी के चलते उनका टिकट बसपा ने वापस ले लिया। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें हाथों हाथ अपनी पार्टी का टिकट थमा दिया। जबकि यहां कांग्रेस की ओर से कई दिग्गज टिकट की दौड़ में शामिल थे। पार्टी सूत्रों का मानना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्रुमियां इस बार टिकट को लेकर ज्यादा उत्सुक नहीं थे, वहीं तिजारा से मौजूदा विधायक संदीप यादव भी समीपवर्ती किसी विधानसभा चुनाव से टिकट चाहते थे। इस कारण पार्टी ने इस बार नए चेहरे पर दांव खेलने का निर्णय किया।
बहरोड़ में युवा को मिला मौका
राठ की राजनीति की प्रमुख सीट बहरोड़ पर इस बार नए एवं पुराने चेहरों के बीच टिकट को लेकर घमासान था। पार्टी ने आखिर में युवा चेहरे संजय यादव के नाम पर अपनी मुहर लगाई। संजय यादव वर्तमान में पीसीसी में सचिव और युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद पर रह चुके हैं।
पांच सीटों पर कांग्रेस व भाजपा में मुकाबला तय
कांग्रेस की ओर से मंगलवार को छह प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही अब जिले में पांच सीटों पर कांग्रेस व भाजपा के बीच मुकाबला तय हो गया है। इनमें तिजारा से भाजपा के महंत बालकनाथ योगी का कांग्रेस के इमरान खान, थानागाजी से भाजपा के हेमसिंह भड़ाना का कांग्रेस के कांति मीणा, अलवर ग्रामीण में भाजपा के जयराम जाटव का कांग्रेस के टीकाराम जूली, बानसूर में भाजपा के देवीसिंह शेखावत का कांग्रेस की शकुंतला रावत, मुंडावर से भाजपा के मंजीत चौधरी का कांग्रेस के ललित यादव से चुनावी मुकाबला तय हो चुका है।
अलवर शहर से नाम घोषित नहीं कर चौंकाया
कांग्रेस की ओर से अलवर शहर विधानसभा क्षेत्र से वैश्य वर्ग के प्रतिनिधि को टिकट देने की चर्चा कई दिनों से चल रही थी। पार्टी के ज्यादातर नेताओं का कहना था कि अलवर शहर से प्रत्याशी का चयन हो चुका है, केवल नाम की घोषणा होना बाकी है, लेकिन पार्टी की सूची में अलवर शहर से ही प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई, जिले की शेष छह सीटों से पार्टी ने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि मंगलवार को सीइसी की बैठक में अलवर शहर पर चर्चा नहीं हो सकी। इस कारण प्रत्याशी की घोषणा नहीं हो सकी।
छह सीटों पर अभी भाजपा प्रत्याशी का इंतजार
कांग्रेस की ओर से जिले की 10 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं, वहीं भाजपा अभी 6 सीटों पर ही प्रत्याशी घोषित कर सकी है। भाजपा को अभी पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करनी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा की ओर से एक- दो दिनों में शेष सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।