जयपुर, 5 मार्च। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं, भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों के कल्याण के लिए सदैव संवेदनशीलता के साथ काम किया गया है। फरवरी 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के राज्य के सभी 5 शहीदों के आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा नियमानुसार यथासमय सहायता देकर राहत देने का कार्य किया गया है।
सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर वीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि तीन शहीदों जीतराम गुर्जर, रोहिताश लाम्बा तथा हेमराज मीणा की वीरांगनाओं द्वारा गत 28 फरवरी 2023 से जयपुर में राज्य सरकार से अपनी मांगों को लेकर धरना एवं प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा तीनों शहीदों के आश्रितों को नियमानुसार सहायता प्रदान की गई है। राज्य सरकार द्वारा संवेदनशीलता से वीरांगनाओं की माँगों पर संज्ञान लिया गया है। उन्होंने बताया कि वीरांगनाओं द्वारा की जा रही मांगे नियमों में नहीं आती हैं।
ब्रिगेडियर राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शहीदों की वीरांगनाओं को दी जाने वाली सहायता के तहत तीनों शहीदों की वीरांगाओं को भी 50 लाख रूपये की नकद राशि सहायतार्थ दी गई है। इसके अतिरिक्त शहीद के माता-पिता को 05 लाख रूपये की सावधि जमा तथा वीरांगना को राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम का निःशुल्क पास जारी किये गए हैं।
उन्होंने बताया कि नियमों के तहत तीनों ही शहीदों के एक बच्चे के लिए नियोजन का अधिकार सुरक्षित रखा गया है। साथ ही शहीदों की याद चिरस्थायी रखने के लिए 2 शहीदों के नाम से शिक्षण संस्थान का नामकरण कर दिया गया है तथा एक शहीद के नाम से नामकरण के लिए कार्यवाही जारी है।
उन्होंने बताया कि भरतपुर जिले की नगर तहसील के सुन्दरवाली ग्राम पोस्ट के शहीद कांस्टेबल जीतराम गुर्जर की पत्नी वीरांगना श्रीमती सुन्दरी देवी की 2 पुत्रियां हैं, जिनमें से एक पुत्री का नियमानुसार नियोजन का अधिकार सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि वीरांगना द्वारा शहीद के भाई को नियोजित करने की मांग की जा रही है, परन्तु नियमों तहत आश्रित की श्रेणी में नहीं होने के कारण नियोजन का प्रावधान नहीं है।
उन्होंने बताया कि शहीद के नाम से विद्यालय नामकरण के लिए 9 अप्रेल, 2019 को गांव में स्थित राजकीय बालिका प्राथमिक विद्यालय, सुन्दरावली का प्रस्ताव भिजवाया गया था, जिसका नामकरण पूर्व में स्वतंत्रता सैनानी श्री हरिश चन्द्र के नाम पर हो चुका हैं। अभी वीरांगना द्वारा राजकीय महाविद्यालय, नगर के नामकरण की मांग की गई है, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
निदेशक सैनिक कल्याण विभाग ने बताया कि जयपुर जिले में ग्राम पोस्ट गोविन्दपुरा के शहीद कांस्टेबल रोहिताश लाम्बा की पत्नी श्रीमती मंजू जाट वीरांगना के एक पुत्र के लिए नियमानुसार नियोजन का अधिकार सुरक्षित है। वीरांगना द्वारा भी अपने देवर को नियोजन की मांग की जा रही है, जो कि नियमानुसार आश्रित की श्रेणी में नहीं आता है।
उन्होंने बताया कि शहीद रोहिताश लाम्बा के नाम से राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, गोविन्दपुरा, बासड़ी, शाहपुरा, जयपुर का नाम "शहीद रोहिताश लाम्बा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, गोविन्दपुरा, बासड़ी, शाहपुरा, जयपुर कर दिया गया है।
इसी प्रकार कोटा जिले में पोस्ट विनोदखुर्द के ग्राम विनोद कलां के शहीद कांस्टेबल हेमराज मीणा की पत्नी श्रीमती मधुबाला मीणा वीरांगना के पुत्र के नियोजन का अधिकार सुरक्षित रखा गया है।
उन्होंने बताया की शहीद के नाम से राजकीय राजकीय महाविद्यालय, सांगोद का नाम शहीद हेमराज मीणा राजकीय महाविद्यालय, सांगोद कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त शहीद कांस्टेबल हेमराज मीणा की मूर्ति पूर्व में ही दो स्थानों, शहीद हेमराज मीणा राजकीय महाविद्यालय, सांगोद के प्रांगण में तथा पैतृक गांव विनोदकलां स्थित पार्क में स्थापित की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि वीरांगना द्वारा अदालत चौराहे पर उनके पति की तीसरी मूर्ति लगाने हेतु मांग की जा रही हैं, जो कि नियमानुसार उचित नही है।
ब्रिगेडियर राठौड़ ने बताया कि मंडाप रोड़ से विनोद कलां गांव के कुएं तक लगभग 1 किलोमीटर सड़क मार्ग के निर्माण के लिए उपखण्ड अधिकारी, सांगोद को एक माह पूर्व एवं स्थानीय विधायक, सांगोद को तीन माह पूर्व ज्ञापन दिया गया था, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पूरी संवेदनशीलता तथा जिम्मेदारी के साथ यथासंभव समयबद्ध तरीके से वीरांगनाओं की समस्त समस्याओं के निराकरण का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वीरांगनाओं को विशेष पहचान प्रदान करने एवं उनका उचित सम्मान करने के उद्देश्य से 'वीरांगना पहचान पत्र भी राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए हैं।
ब्रिगेडियर राठौड ने बताया कि पिछले चार सालों में शहीद सैनिकों के आश्रितों एवं पूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों के कल्याणार्थ अनेकों ऐतिहासिक फैसले राज्य सरकार द्वारा लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान शहीद सैनिकों के आश्रितों हेतु राज्य सरकार द्वारा जारी 'कारगिल पैकेज पूरे भारतवर्ष का सबसे अधिक प्रभावशाली पैकेज है जिसमें समय-समय पर संशोधन करते हुए इसे अधिक बेहतर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के पश्चात इस पैकेज मे बढ़ोतरी की गई ।