निजी स्कूलों में असुरक्षित स्पर्श के प्रति जागरूकता अभियान का आगाज ’गुड टच बैड टच’ की शिक्षा बच्चों में सुरक्षा की भावना के लिए अहम - शासन सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग
स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने शनिवार को जयपुर में जवाहर नगर स्थित माहेश्वरी पब्लिक स्कूल में प्रदेश के निजी स्कूलों में अगले माह से असुरक्षित स्पर्श के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए संचालित होने वाले अभियान का आगाज किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज शनिवार को राज्य के 66 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में ’गुड टच बैड टच’ के प्रति विद्यार्थियों की समझ विकसित करने के लिए प्रथम चरण का प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। राजस्थान सरकार के इस महत्वाकांक्षी अभियान में सरकारी स्कूलों के साथ प्राइवेट स्कूलों को भी अगले महीने से इस मुहिम में शामिल किया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चों में ‘गुड टच बैड टच’ के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके और ‘सुरक्षित स्कूल, सुरक्षित राजस्थान’ की भावना सार्थक हो सके।
शासन सचिव नवीन जैन ने कहा कि असुरक्षित स्पर्श के ट्रेनिंग सेशंस में प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों की रिकार्ड भागीदारी से ज्यादा अहम यह बात है कि हम छात्र-छात्राओं के अंदर सुरक्षा की भावना को मजबूत करने और उनमें ‘गुड टच बैड टच’ की समझ विकसित करते हुए समाज से बच्चों के प्रति यौन दुर्व्यवहार की बुराई को मिटाने का आधार तैयार कर रहे हैं।
उन्होंने इस अभियान में सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए शिक्षक समुदाय से इसमें बढ़ चढ़कर भूमिका निभाने की अपील की।
शासन सचिव जैन ने स्वयं ट्रेनिंग सेशंस का संचालन करते हुए प्रोजेक्टर और संदेश मूवी के माध्यम से ‘गुड टच बैड टच’ को बेहद प्रभावी और सरलतम रूप में समझाया। उन्होंने बच्चों को 5 सेंसेस के बारे में बताया जिसके जरिये बच्चों को असुरक्षित स्पर्श की पहचान हो सके और वे हर स्थिति में सतर्क रह सके। इसके अलावा 5 सिग्नल्स के माध्यम से बच्चों को ‘गुड टच बैड टच’ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिप्स, छाती, पैरों के बीच में, कमर के नीचे या पीछे यदि कोई स्पर्श करे तो ये बैड टच का सिग्नल है। बैड टच की स्थिति में बच्चों को चिल्लाते हुए नो बोलकर उस स्थान या व्यक्ति से सावधानी के साथ दूर भागने (गो) और इसके बारे में बिना किसी डर या घबराहट के किसी बड़े या जिस पर उनको सबसे ज्यादा भरोसा हो, को बताने (टैल) के लिए सजग करते हुए ‘ नो- गो-टेल’ का स्लोगन दिया।
कार्यक्रम में माहेश्वरी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल अशोक वैद्य ने राज्य सरकार की इस मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि वे प्रदेश के निजी स्कूलों में भी इस कार्यक्रम की गतिविधियों के आयोजन में सहयोग प्रदान करेंगे।