जवाहर कला केन्द्र में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की ओर से आयोजित हो रहे नेशनल हैण्डलूम वीक में शुक्रवार को बायर-सेलर मीट का आयोजन किया गया। इसमें हैण्डलूम प्रोडक्ट्स के 14 कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने बुनकर एवं हस्तशिल्पियों से उनके उत्पादों की जानकारी ली तथा उनसे खरीदारी पर विस्तृत चर्चा की।
राज्य की अनूठी शिल्प कलाओं का होगा प्रचार—प्रसार:
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विभिन्न स्टाॅल्स पर जाकर बुनकरों एवं हस्तशिल्पयों से उनके प्रोडक्ट्स के बारे में विस्तृत जानकारी ली और आयोजन के बारे में फीडबैक भी लिया। उन्होंने विभाग के कर्मचारियों को निर्देशित किया कि आयोजन में सभी बुनकरों, हस्तशिल्पयों एवं एग्जीबिटर्स को हर संभव सहायता दी जाये। श्रीमती गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बुनकरों, हस्तशिल्पयों को स्थायी बाजार उपलब्ध होगा और राज्य की अनूठी शिल्प कलाओं का प्रचार प्रसार होगा और संरक्षण मिलेगा।
डिजाइन एवं विपणन आर्टिजन वर्कशॉप का हुआ आयोजन:
राज्य में बुनकर, हथकरघा, खादी क्षेत्र के उत्पादों को प्रोत्साहित करने तथा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के क्रेताओं को आकर्षित करने के उद्देश्य से उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा हैण्डलूम एवं खादी से संबंधित डिजाइन एवं विपणन विषयक आर्टिजन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप का समन्वय भारतीय शिल्प संस्थान एवं बुनकर सेवा केन्द्र के द्वारा किया गया।
वर्कशॉप के मुख्य अतिथि दिलीप बैद रहे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में आर्टिजन्स को अपने उत्पादों के बेहतर विक्रय के लिए ई-प्लेटफार्म का सहारा लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि विभिन्न शिल्प को मिलाकर नये डिजाइन विकसित करने चाहिए, जिससे उनकी मांग में बढ़ोतरी हो सके।
आरएचडीसी कि प्रबन्ध निदेशक मनीषा अरोड़ा ने बताया कि शिल्पकारों को अपने उत्पादों कि अधिकतम बिक्री के लिए राज्य सरकार द्वारा तैयार किये गये ई-प्लेटफॉर्म की सहायता लेना चाहिए ।
भारतीय शिल्प संस्थान की निदेशक तुलिका गुप्ता ने बताया कि नेशनल हैण्डलूम वीक में आये हुए शिल्पकार डिजाइन को विशेष प्रकार से उन्नयन करें जिससे उनका वैश्वीकरण बढ़ सके। वर्कशाॅप के अन्य वक्ताओं में लाईफ एन कलर्स की अपूर्वा और नीला हाउस से अनुराधा सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।