गहलोत के गढ़ में गरजे मोदी :मारवाड़ में पिछले बार कांग्रेस और गोड़वाड़ में भाजपा, अब बड़े दांव की तैयारी

गहलोत के गढ़ में गरजे मोदी :मारवाड़ में पिछले बार कांग्रेस और गोड़वाड़ में भाजपा, अब बड़े दांव की तैयारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करीब पांच साल बाद जोधपुर आए हैं। पिछली बार लोकसभा चुनाव में इसी रावण का चबूतरा मैदान में सभा को संबोधित किया था। इससे पहले मोदी विधानसभा चुनाव में भी चुनावी सभा करने जोधपुर आए थे, लेकिन इस बार आचार संहिता से पहले मोदी का आना और सौगातें देना सीधे तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गढ़ मारवाड़ में चुनौती देने जैसा है। पिछली बार के मुकाबले इस बार समीकरण बदले हुए हैं।

जिस प्रकार से सीएम गहलोत कई घोषणाएं और लोकार्पण-शिलान्यास पिछले कुछ दिन में कर रहे हैं, उसके तोड़ के तौर पर मोदी के इस दौरे को देखा जा रहा है। जोधपुर की धरती से मोदी मारवाड़ और गोड़वाड़ की 33 विधानसभा सीटों को प्रभावित करते हैं। इस सभा में भीड़ जुटाने के लिए मशक्कत भी जोधपुर व पाली संभाग से की जा रही है।

फोटो पीएम मोदी की सभा का है। पीएम मारवाड़ और गोड़वाड़ की सीटों को साधेंगे।

फोटो पीएम मोदी की सभा का है। पीएम मारवाड़ और गोड़वाड़ की सीटों को साधेंगे।

मारवाड़ पिछली बार रहा गहलोत का मजबूत गढ़

पिछले विधानसभा चुनाव में मारवाड़ यानि जोधपुर के साथ जैसलमेर और बाड़मेर जिले की 19 विधानसभा सीटें कांग्रेस की पकड़ वाली रही थी। इन 19 में से 15 सीट पर कांग्रेस के विधायक जीते हैं। भाजपा के खाते में सिर्फ 3 सीट आई है। इसके अलावा आरएलपी भी एक सीट निकाल ले गई थी। जबकि गोड़वाड़ शुरू से ही भाजपा का मजबूत गढ़ रहा है चाहे विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा। पिछली बार भी गोड़वाड़ क्षेत्र के पाली, जालोर और सिरोही जिलों की 14 सीटों में भाजपा 11 सीट जीतने में कामयाब रही थी। इसके अलावा कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट आई थी। जबकि दो निर्दलीय जीत चुके थे। ऐसे में इस बार की रणनीति भी मारवाड़ और गोड़वाड़ को अलग-अलग रख कर तय की जाएगी।

मारवाड़ में केन्द्रीय मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर

मारवाड़ जिसको साधना पिछले बार भी कांग्रेस के लिए सबसे मुश्किल था, वह इस बार भी ज्यादा आसान नहीं होगा। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसी क्षेत्र से आते हैं और उनका इस क्षेत्र में काफी प्रभाव भी है। हालांकि भाजपा की ओर से दिग्गज नेता गजेन्द्रसिंह शेखावत की प्रतिष्ठा इस क्षेत्र में दांव पर है। वे खुद लोकसभा चुनाव में सीएम के बेटे वैभव गहलोत को पछाड़ कर लोकसभा पहुंचे हैं।

विधायक हारे तो मंत्री बने

इसी प्रकार इस क्षेत्र से भाजपा के एक और बड़े नेता कैलाश चौधरी की प्रतिष्ठा भी दांव पर रहेगी। रोचक बात यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में चौधरी बायतू सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और तीसरे नम्बर पर आए थे। यहां से कांग्रेस के हरीश चौधरी जीते और दूसरे नम्बर पर आरएलपी के उम्मेदराम रहे। इसके तुरंत बाद ही जब लोकसभा चुनाव हुए तो कैलाश चौधरी को बाड़मेर-जैसलमेर सीट से उतारा गया और उन्होंने जीत दर्ज की। इसके बाद उन्हें मोदी सरकार में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री भी बनाया गया।

अब एमपी की तरह उतर सकते हैं मंत्री मैदान में

जिस तरह मध्यप्रदेश में भाजपा ने कई बड़े नेताओं व केन्द्रीय मंत्रियों को विधानसभा के चुनावी मैदान में उतारा है, वैसे ही राजस्थान में भी यह बात हो सकती है। मोदी सरकार में केबिनेट मंत्री व जोधपुर से सांसद गजेन्द्रसिंह शेखावत भी मारवाड़ से किसी सीट पर उतरेंगे। दांव तो यह भी चला जा सकता है कि सीएम गहलोत के सामने सरदारपुरा सीट से ही उनको मैदान में उतारा जाए, जिससे सीएम को बांधा जा सके। हालांकि इसके अलावा अन्य विकल्प भी सोचे जा रहे हैं।

इस सभा के जरिए पीएम मोदी कार्यकर्ताओं में जान फूकेंगे।

इस सभा के जरिए पीएम मोदी कार्यकर्ताओं में जान फूकेंगे।

पश्चिमी राजस्थान में मुकाबला मोदी व गहलोत में

एक बात तो स्पष्ट है कि पिछली बार की तुलना इस बार मुकाबला ज्यादा स्पष्ट पीएम मोदी और सीएम गहलोत के बीच है। गहलोत जहां लगातार मारवाड़ क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं तो मोदी भले ही साढ़े चार साल बाद आ रहे हैं लेकिन वे यहां अपना पूरा जोर लगाएंगे। मारवाड़ की सीटों पर यदि मोदी व भाजपा बड़ा उलटफेर कर देती है तो यह कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगी।

क्या है पिछली बार का गणित

– 33 विधानसभा सीट जोधुपर-पाली संभाग में यानि मारवाड़ गोड़वाड़ में।

– 14 भाजपा के पास हैं।

– 16 पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते थे।

– 1 विधायक आरएलपी का जीता था।

– 2 निर्दलीय जीते लेकिन बाद में उन्होंने भी कांग्रेस को ही समर्थन दे दिया।

मारवाड़ V/S गोड़वाड़

मारवाड़ यह है आंकड़ों का गणित

भाजपा- 3

कांग्रेस -15

रालोपा- 1

कुल सीट-19

गोड़वाड़ में यह है आंकड़ों का गणित

भाजपा- 11

कांग्रेस – 1

निर्दलीय- 2

कुल सीट – 14