दिवस विशेष : विश्व जल दिवस
22 मार्च को 25 बरस पूरे विश्व में जल के महत्व को ध्यान में रखते हुए विश्व जल दिवस मनाया जाता है।
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‘त्वरित परिवर्तन’ (Accelerating Change) है।
उद्देश्य
◆ दुनिया भर में जल के महत्व को समझाने व इस को संचित व संरक्षित करने के विषय में जागरूकता का प्रचार-प्रसार करने हेतु।
◆ साथ ही, इस दिवस का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य (SDG) 6: ‘वर्ष 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता’ (Clean water and sanitation for all) के लक्ष्य का समर्थन करना है।
शुरुआत
◆ इसको दिवस के रूप में मनाने का विचार सबसे पहले वर्ष 1992 में प्रस्तुत किया गया था तथा इसी वर्ष रियो-डी-जेनेरियो में पर्यावरण एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का भी आयोजन किया गया था।
◆ वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव अपनाया, जिसके द्वारा प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाने की घोषणा की गई।
भारत में जल प्रबंधन से संबंधित योजनाएं
राष्ट्रीय जल नीति, 2012:
◆ इसका उद्देश्य नदी के एक भाग को पारिस्थितिकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संरक्षित किया जाना है।
◆ साथ ही गंगा नदी में वर्ष भर जलस्तर को बनाए रखने के लिए एक स्थान पर पानी जमा होने बचाव करना है, जिससे नागरिकों को स्वच्छता और स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पेयजल की
कैच द रेन:राष्ट्रीय जल मिशन
◆ इसका उदेश्य सभी स्थितियों के आधार पर जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल बारिश के पानी की संगृहीत करने के लिए वर्षा जल संचयन संरचना (RWHS) का निर्माण करना है।
◆ इस अभियान के कार्यान्वयन के लिए प्रभावी प्रचार और सूचना, शिक्षा, संचार गतिविधियों के माध्यम से ज़मीनी स्तर पर लोगों को भी शामिल करना है।
अटल भू-जल योजना:
◆ इसकी शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी।
◆ यह योजना पाँच वर्षों की अवधि (2020-21 से 2024-25) के लिए चल रही है।
◆ इस का उद्देश्य जल प्राथमिकता वाले 7 राज्यों गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में जन-भागीदारी के माध्यम से भू-जल प्रबंधन में सुधार लाना है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना:
◆ इसकी शुरुआत वर्ष 2015 में हुई थी। यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसमें केंद्र-राज्य की हिस्सेदारी 75:25% है, जबकि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र व पहाड़ी राज्यों के मामले में यह हिस्सेदारी 90:10 है।
◆ इसका उद्देश्य क्षेत्रीय स्तर पर सिंचाई में निवेश को बढ़ावा देना, सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य क्षेत्र का विस्तार करना (हर खेत को पानी) तथा जल की बर्बादी को कम करने के लिए खेत पर जल उपयोग दक्षता में सुधार करना
भारत में जल की स्थिति
◆ भारत में विश्व की जनसंख्या का 16% है, लेकिन भारत के पास विश्व के ताज़े जल संसाधनों का केवल 4% ही है।
◆ केंद्रीय भूजल बोर्ड (वर्ष 2017) के मुताबिक, भारत के 700 में से 256 जिलों में भूजल स्तर 'गंभीर' है।
◆ भारत के तीन-चौथाई ग्रामीण परिवारों की पेयजल तक पहुँच नहीं है और उन्हें असुरक्षित स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है।
◆ भारत विश्व का सबसे बड़ा भूजल उपयोगकर्ता देश है।
◆ भारत के लगभग 70% जल स्रोत दूषित हैं और प्रमुख नदियाँ प्रदूषण के कारण सूख रही हैं।
अन्य तथ्य
◆ विश्व जल दिवस, 2023 जल और स्वच्छता संकट को हल करने के लिए परिवर्तन में तेजी लाने पर केंद्रित है।
◆ इसका उद्देश्य विश्व में लोगों को जल से संबंधित मुद्दों पर अधिक जानकारी प्रदान करने के साथ ही बदलाव के लिए कार्रवाई हेतु प्रेरित करना है।
◆ जल सम्पूर्ण पृथ्वी के लगभग 70% हिस्से को कवर करता है लेकिन मीठे पानी की मात्रा केवल 3% है, जिसमें से दो-तिहाई जमा हुआ या दुर्गम और उपयोग के लिए अनुपलब्ध है।
◆ एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2025 तक 60 देशों में जल संकट की समस्या विकराल रूप ले सकती है।
◆ अत्याधुनिक की वजह से जल दिन-ब-दिन प्रदूषित होता जा रहा है और इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट 2022 के अनुसार इससे जुड़ी हुई बीमारियों से प्रतिवर्ष 1. 4 मिलियन लोगों की मृत्यु होती है है और इन लोगों की जिंदगी अभी भी संकट में है।