केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि टाइप 2 मधुमेह (डायबिटीज मेलिटस) और कई अन्य जीवनशैली संबंधी विकारों को नियंत्रित करने के साथ-साथ स्तन कैंसर सहित कई प्रकार के कैंसर को ठीक करने के लिए उनका शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का कहना है कि टाइप 2 मधुमेह (डायबिटीज मेलिटस) और कई अन्य जीवनशैली संबंधी विकारों को नियंत्रित करने के साथ-साथ स्तन कैंसर सहित कई प्रकार के  कैंसर को ठीक करने के लिए उनका शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमन्त्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जो स्वयं ही एक राष्ट्रीय स्तर पर जाने-माने चिकित्सक और मधुमेह विशेषज्ञ भी हैं, ने आज  नई दिल्ली में कहा कि टाइप 2  मधुमेह (डायबिटीज मेलिटस) और कई अन्य जीवनशैली संबंधी विकारों को नियंत्रित करने के साथ-साथ स्तन कैंसर सहित कई प्रकार के  कैंसर को ठीक करने के लिए उनका शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है।

मंत्री महोदय ने कहा कि शीघ्र निदान और देश में उपलब्ध सफल उपचारों तक आसान पहुंच होने  के साथ भारत प्रारंभिक चरण में ही स्तन कैंसर पर विजय पा सकता है।

नई दिल्ली में 'द वीक कनेक्ट' कार्यक्रम में 'भारतीय महिलाओं के लिए स्तन कैंसर की देखभाल का विस्तार' शीर्षक से सम्बोधित करते हुए हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य पर विशेष पूरक अंक  के लिए "द वीक" की सराहना की, जो 15 वर्षों से अधिक समय से प्रकाशित हो रहा है। उन्होंने कहा कि  यह  प्रयास मलयाला मनोरमा समूह की परंपरा और विरासत को ध्यान में रखते हुए है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वास्थ्य, युवाओं और महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करना स्तन कैंसर से निपटने के लिए ऐसा  सबसे अच्छा कदम है, जो विश्व भर के साथ ही  भारत में भी महिलाओं में सबसे अधिक होने वाली घातक बीमारियों में से एक है। उन्होंने कहा,कहा कि स्तन कैंसर अनुसंधान में काफी प्रगति हुई है, जिससे इसके आणविक परिदृश्य और ट्यूमर की विविधता को बेहतर ढंग से समझने में सहायता मिली है। उन्होंने आगे कहा कि उदाहरण के लिए,  उपचार उपरान्त अनुक्रमण प्रयासों ने स्तन कैंसर में शामिल प्राथमिक चालक जीन को समझाने में मदद की है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसन्धान परिषद (सीएसआईआर) की प्रयोगशालाएं भारत के कैंसर अनुसंधान प्रयासों में सबसे आगे हैं। इसके अलावा, लखनऊ में केन्द्रीय औषधि अनुसन्धान संस्थान (सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट-सीडीआरआई ) गैर-उल्लंघनकारी और लागत प्रभावी संश्लेषण  (सिंथेटिक) मार्ग के माध्यम से उच्च मूल्य वाली जेनेरिक औषधियों को विकसित करने, नैदानिक रूप से मान्य कैंसर दवा लक्ष्यों के विरुद्ध नई रासायनिक संस्थाओं के डिजाइन और संश्लेषण, शक्तिशाली विरोधी के निदानपूर्व  (प्रीक्लिनिकल)  मूल्यांकन में अग्रणी है। उन्होंने अन्य गतिविधियों के अलावा कैंसर संस्थाओं को भी इसमें शामिल किया।

आंकड़ों का हवाला देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने  कहा कि भारत में वर्ष 2020 में स्तन कैंसर से 37.2 प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु हुई, जबकि एशियाई दर 34 प्रतिशत थी वहीं इसका वैश्विक औसत 30 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि भारत में स्तन कैंसर से उच्च मृत्यु दर देर से हुए निदान से संबंधित हो सकती है, जो मुख्य रूप से उचित जागरूकता की कमी और जोखिम वाली जनसंख्या  के लिए जांच की अनुपलब्धता के कारण है।

हालाँकि, मंत्री महोदय ने यह रेखांकित किया कि आशा करने का अब कारण है क्योंकि स्तन कैंसर अत्यधिक रोकथाम योग्य एवं अत्यधिक उपचारात्मक है  और  जितनी जल्दी इसका पता चलेगा, प्रभावी उपचार और जीवित रहने की संभावना भी  उतनी ही बेहतर होगी। उन्होंने  आगे कहा कि शोध से स्तन कैंसर के निदान और उपचार में कई प्रभावी विकास हुए हैं जो कम जटिलताओं और कम दुष्प्रभावों को सुनिश्चित करते हैं और आने वाले वर्षों में स्तन कैंसर के रोगियों के जीवन में सुधार ला सकते हैं ।

डॉ. जितेंद्र सिंह यह जानकर प्रसन्न हुए कि पहले रोगियों का उपचार शल्यचिकित्सा के अलावा मात्र रसायन-चिकित्सा (कीमोथेरेपी) और  विकिरण (रेडिएशन) से किया जाता था, पर अब उपचार के कई विकल्प उपलब्ध हैं। मुंह के माध्यम से नई  चिकित्सा प्रविधियां आ गई हैं, जैसे कि सीडीके 4/6 अवरोधक (इन्हिबिटर) जिनका उपयोग हार्मोन जनित  स्पष्ट (पॉजिटिव)  मेटास्टेटिक स्तन कैंसर के उपचार  के लिए किया जाता है। सिपला जैसी भारतीय कंपनियां भारत में पाल्बोसिक्लिब (एक सीडीके 4/6 इनहिबिटर) का एक सामान्य संस्करण लेकर आ रही

हैं, जिसकी लागत ₹5000/मासिक से कम है, और इसे रोगियों के एक बड़े समूह द्वारा उपयोग किया जा सकता है। मंत्री महोदय ने कहा कि  इस तरह से अधिक भारतीय जेनेरिक दवाओं की शुरूआत से बड़ी संख्या में रोगियों का उपचार करने में सहायता मिलेगी।

देश भर में कल्याण केंद्रों  (वेलनेस सेंटर्स) की तरह विशेष स्तन कैंसर क्लीनिक के विचार का समर्थन करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत  विश्व की अब तक की सबसे अच्छी स्वास्थ्य बीमा योजना है और इसकी परिकल्पना करने का श्रेय प्रधानमंत्री  श्री नरेन्द्र मोदी जी को जाता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह संभवतः विश्व की एकमात्र  ऐसी स्वास्थ्य बीमा योजना है जो पहले से विद्यमान  रोग के लिए भी बीमा सुरक्षा लेने का विकल्प प्रदान करती है, उदाहरण के लिए यदि

आज किसी व्यक्ति को कैंसर या यहां तक कि स्तन कैंसर का पता चलता है, तो कोई भी अपने  उपचार के लिए 

ऐसा कर सकता है। अतःउपचार  के उद्देश्य से  वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए अपना बीमा अवश्य  करवाएं।