मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या देश-दुनिया के लिए चिंता का विषय है। बढ़ती आबादी के कारण जल, जमीन और अन्य संसाधनों पर लगातार दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि ये संसाधन प्रकृति में सीमित हैं। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि से भी विभिन्न समस्याएं उत्पन्न होती हैं। परिवार नियोजन हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, जिससे भावी पीढ़ी संसाधनों का उचित मात्रा में उपयोग कर सके।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में राजस्थान की स्थिति बेहतर—
शर्मा ने कहा कि प्रदेश में सुदृढ़ चिकित्सा तंत्र एवं बेहतर परिवार कल्याण सेवाओं के कारण राजस्थान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से संबंधित संकेतकों में देश के अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का जो सपना देखा है, उसे पूरा करने के लिए संसाधनों पर जनसंख्या के दबाव को कम करना जरूरी है। राज्य सरकार इस संकल्प को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। यह एक ऐसा संकल्प है, जो सबकी सहभागिता से ही मूर्त रूप लेगा।
शर्मा गुरूवार को जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों के महत्व पर लोगों की जागरूकता बढ़ाना है। बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रकृति का संतुलन निरन्तर बिगड़ता जा रहा है, जलवायु परिवर्तन इसी का हिस्सा है। बढ़ती जनसंख्या आर्थिक विकास, रोज़गार, आय वितरण, गरीबी और सामाजिक सुरक्षा को भी प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, स्वच्छता, पानी, भोजन एवं ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने के प्रयासों पर भी इसका व्यापक असर पड़ता है।
परिवार नियोजन से जनसंख्या वृद्धि में स्थिरता होगी सुनिश्चित—
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए परिवार नियोजन एक प्रभावी कदम है। साथ ही, समाज में जागरूकता बढ़ाकर जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में जनसंख्या वृद्धि की दर निरन्तर कम हो रही है। सतत् विकास लक्ष्य 2030 के अनुसार कुल प्रजनन दर (टीएफआर) का लक्ष्य 2.1 है, जबकि राज्य की कुल प्रजनन दर 2.0 है।
गांव-ढाणी तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता—
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में कार्मिकों की संवेदना और सेवा का बहुत महत्व होता है। मरीज के लिए चिकित्सक परमात्मा स्वरूप होता है। चिकित्सा अभियान, टीकाकरण की सफलता इस विभाग के कार्मिकों की कड़ी मेहनत से ही सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि गांव-ढाणी तक बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना हमारी प्राथमिकता है। प्रदेश में आभा आईडी के माध्यम से मरीज अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल तरीके से स्टोर कर सकते हैं। इसके जरिये रोगी एवं चिकित्सक को रोग एवं इलाज की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
बजट में चिकित्सा क्षेत्र को मिली बड़ी सौगातें—
शर्मा ने कहा कि विधानसभा में पेश बजट में चिकित्सा क्षेत्र को विभिन्न सौगातें देकर मजबूती प्रदान की गई है। उपस्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उपजिला अस्पताल एवं जिला अस्पताल में चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में भी चिकित्सा सेवाओं का विस्तार राज्य सरकार का विजन है। साथ ही, चिकित्सा विभाग को मजबूती प्रदान करने के लिए चिकित्सक, नर्सिंगकर्मियों की कमी नहीं आने दी जाएगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि मुख्यमंत्री शर्मा ने प्राथमिकता देते हुए बजट का 8.26 प्रतिशत हिस्सा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को दिया है। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। आयुष्मान भारत योजना जन-जन की योजना बन रही है। उन्होंने कहा कि मां वाउचर योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी जांच की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना का लाभ प्राइवेट सोनोग्राफी केन्द्रों पर भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जयपुर में निर्माणाधीन आईपीडी टावर देश का बेहतरीन अस्पताल बनेगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि प्रदेश में 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का सुदृढ़ीकरण हुआ है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत प्रदेश में महिलाओं के साथ-साथ पुरूषों की भी भागीदारी बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाएगा।
परिवार कल्याण प्रोत्साहन पुरस्कार का हुआ वितरण—
मुख्यमंत्री ने परिवार कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए परिवार कल्याण प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार वितरित किए। राज्य में उत्कृष्ट कार्यों के लिए बांसवाड़ा को प्रथम स्थान, ब्यावर को द्वितीय, केकड़ी को तृतीय, भीलवाड़ा को चतुर्थ एवं शाहपुरा को पांचवा स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए गए। इसी तरह पीपीआईयूसीडी निवेशन में ब्यावर को प्रथम, सलूम्बर को द्वितीय तथा चित्तौड़गढ़ को तृतीय स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया गया। साथ ही, निजी अस्पताल एवं महाविद्यालय, गैर सरकारी संगठन, राजकीय चिकित्सा संस्थान एवं महाविद्यालय, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत तथा व्यक्तिगत श्रेणी में भी पुरस्कार दिए गए।
समारोह में मुख्यमंत्री शर्मा ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की आयुष्मान राजस्थान ई-मैग्जीन का अनावरण एवं विश्व जनसंख्या दिवस पर पोस्टर का विमोचन भी किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, निदेशक आरसीएच डॉ. सुनित सिंह राणावत सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।