जोधपुर का एच आकार का रेल ओवरब्रिज तैयार, नामकरण में विवाद उत्पन्न

जोधपुर का एच आकार का रेल ओवरब्रिज तैयार, नामकरण में विवाद उत्पन्न

देश का दूसरा व प्रदेश का पहला एच आकार का रेल ओवरब्रिज बन कर तैयार हो गया है। जोधपुर की आरटीओ फाटक पर तैयार हुए इस ब्रिज का कार्य पांच साल पहले शुरू हुआ था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को इसका लोकार्पण करेंगे।

इसके उद्घाटन से पहले इसके नामकरण को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है।

ये रहेगा ब्रिज पर यातायात का सिस्टम

- आरटीओ से आने वाले वाहन सर्विस लेन से 80 फीट की फ्लाई रोड पर चढ़कर रेलवे क्रॉसिंग को पार करेंगे। वहां सर्किल से जयपुर या कालवी प्याऊ की ओर जाएंगे।

- जयपुर की ओर से आने वाले वाहन आरओबी के ऊपर बने रोटरी से राइट टर्न करके रेलवे ट्रैक को पार करते हुए लेफ्ट टर्न करके 80 फीट रोड से आरटीओ की ओर जाएंगे।

- जोधपुर से आने वाला ट्रैफिक लेफ्ट टर्न करके रेलवे ट्रैक को क्रॉस करते हुए 80 फीट रोड से आरटीओ की ओर जाएगा। जोधपुर से सीधे जयपुर हाईवे को जोड़ेगा।

1370 मीटर लंबा 37 पिलर पर तैयार

जोधपुर-जयपुर राजमार्ग पर स्थित आरटीओ रेलवे फाटक पर 82.32 करोड़ की लागत से 1370 मीटर लंबा है। इसके कुल 37 पियर (पिलर ) बने है। कुल 37 पियर में से 20 पियर हाईवे और 4 पियर रेलवे की जमीन पर बनने थे। यह ओवरब्रिज फाटक संख्या सी-168 पर बन रहा है, जिसके एक तरफ बीजेएस सहित कई बड़ी आवासीय कॉलोनी है।

सितंबर 2021 में फिर शुरू हुआ कार्य

सितंबर 2021 में जेडीए ने आर्मी अफसरों के साथ जमीन के टाइटल इश्यू पर ऐग्रीमैंट किया। ऐग्रीमैंट के बाद जेडीए ने निर्माण कार्य फिर से शुरू किया गया। अब जेडीए ने इस ब्रिज का कार्य पूरा कर लिया है। ब्रिज निर्माण के साथ ही वर्ष 2018 में आर्मी ने हाइवे की जमीन पर मालिकाना हक जताते हुए ब्रिज का काम रुकवा दिया था। तब आर्मी का कहना था कि कोई भी सरकारी एजेंसी आर्मी की इजाजत के बिना कार्य नहीं कर सकती। इस आपत्ति के कारण करीब तीन साल तक काम बंद रहा।

नामकरण पर खड़े हुए सवाल

इस ओवर ब्रिज के नामकरण को लेकर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं। जेडीए के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर महेंद्र राठौड़ ने बताया कि इस ओवरब्रिज का नाम पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत के नाम से कर दिया गया था। जेडीए की अथॉरिटी मीटिंग में इसका प्रस्ताव लेकर पास कर दिया गया था। लेकिन अब इस मुद्दे पर सरकार आरटीओ ब्रिज और H शेप ओवरब्रिज का ही नाम ले रही है। जबकि इसको लेकर पूरे क्षेत्र और समाज में रोष व्याप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इसके नामकरण की त्रुटि को नहीं सुधरता है तो जल्द ही आंदोलन किया जाएगा।