निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) और सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) ने दिल्ली-एनसीआर में "निवेशक सारथी" वैन लॉन्च किये

निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) और सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) ने दिल्ली-एनसीआर में "निवेशक सारथी" वैन लॉन्च किये

वित्तीय साक्षरता की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए, निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) की सीईओ अनीता शाह अकेला ने आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में आईईपीएफए के मुख्यालय से "निवेशक सारथी" नामक दो निवेशक जागरूकता वैन का शुभारम्भ किया। इस कार्यक्रम की थीम है - "अज्ञानता से वित्तीय स्वतंत्रता तक।"

इस रणनीतिक पहल का उद्देश्य दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वित्तीय शिक्षा का प्रसार करना और धोखाधड़ी वाली योजनाओं के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना है।

ये विशेष रूप से तैयार किये गए वैन टीवी स्क्रीन से सुसज्जित हैं। टीवी स्क्रीन पर “हिसाब की किताब” दिखाई जाती है, जो आईईपीएफए द्वारा विकसित की गई निवेशक जागरूकता फिल्मों की एक श्रृंखला है। इसके अलावा, ये वैन प्रभावी संचार सुनिश्चित करने के लिए एक सार्वजनिक संबोधन प्रणाली से लैस हैं। इन उपकरणों के साथ, विचार-विमर्श के उपरांत डिज़ाइन किया गया एक ब्रोशर है, जो वित्तीय जागरूकता के सभी आवश्यक तत्वों का संकलन है।

यह पहल पांच प्रमुख स्थानों पर शुरू की गयी है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के प्रत्येक स्थान पर आईईपीएफए के वीएलई (ग्राम स्तर के उद्यमी) समर्पित सत्रों का संचालन करते हैं। इन सूचना आधारित सत्रों में लगभग 500 लोग शामिल हुए, जिनमें व्यापक वित्तीय साक्षरता की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया। ज्ञान साझीदार के रूप में सामान्य सेवा केंद्र से इस प्रयास को मजबूती मिली।

"निवेशक सारथी" की यात्रा लोधी रोड स्थित सीएससी कार्यालय में समाप्त हुई, जो वित्तीय जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक सफल और प्रभावशाली अभियान के समापन का प्रतीक है। इस तरह के और अधिक सत्र आयोजित करना तय किया गया।

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 आईईपीएफए के बारे में

निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) की स्थापना 7 सितंबर, 2016 को कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में अन्य बातों के अलावा, निवेशकों को शेयरों, गैर-दावों वाले लाभांश, परिपक्व जमा/डिबेंचर के रिफंड के लिए निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि के प्रबंधन के लिए की गई थी।

 सीएससी के बारे में

पूर्ववर्ती सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) योजना के मूल्यांकन के आधार पर, भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत अगस्त 2015 में सीएससी 2.0 परियोजना की शुरुआत की थी। सीएससी 2.0 परियोजना का उद्देश्य विभिन्न नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए देश भर में 2.50 लाख ग्राम पंचायतों (जीपी) में कम से कम एक सीएससी स्थापित करना है। परियोजना सीएससी- गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीएससी विशेष प्रयोजन उपक्रम, सीएससीएसपी) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। यह एक आत्मनिर्भर उद्यमिता मॉडल है, जिसे ग्राम स्तर के उद्यमियों (वीएलईएस) द्वारा संचालित किया जाता है।