लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए सैकड़ों किसान

लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए सैकड़ों किसान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाल किले में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल देशभर के सैकड़ों किसानों का केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने दिल्ली आवास पर स्वागत किया, इनके सम्मान में सहभोज का आयोजन किया गया। भारत सरकार के निमंत्रण पर आए ये कृषक, किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि योजनाओं के लाभार्थी हैं, जिन्होंने मोदी सरकार द्वारा किसान कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की दिल खोलकर सराहना की तथा इन योजनाओं के माध्यम से उन्हें मिल रहे लाभों के बारे में अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी व शोभा करंदलाजे, सचिव मनोज अहूजा सहित मंत्रालय, आईसीएआर व कृषि से सम्बद्ध संस्थानों के अधिकारी उपस्थित थे। यहां एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया।

देश के स्वतंत्रता दिवस समारोह में, किसानों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल करने की यह पहल केंद्र सरकार के ‘जनभागीदारी’ दृष्टिकोण के अनुरूप की गई। देशभर से विभिन्न व्यवसायों से जुड़े लगभग 1,800 लोगों को उनके जीवनसाथी के साथ आमंत्रित किया गया। इन विशिष्ट अतिथियों में 400 से अधिक सरपंच, एफपीओ के भी लगभग इतने ही प्रतिनिधिगण, पीएम किसान योजना के लगभग 80 लाभार्थियों सहित प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के प्रतिभागी, नए संसद भवन सहित सेंट्रल विस्टा परियोजना से जुड़े श्रम योगी (निर्माण श्रमिक), खादी कार्यकर्ता, सीमा पर स्थित सड़कों के निर्माण, अमृत सरोवर व हर घर जल योजना से जुड़े लोगों के साथ-साथ प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक, नर्स और मछुआरे शामिल हैं। विभिन्न राज्यों के किसानों को दिल्ली प्रवास के दौरान पीएम संग्रहालय, नेशनल वॉर मेमोरियल, इंडिया गेट का भ्रमण करवाया गया।

आवास पर कार्यक्रम में कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में किसानों सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित करना प्रधानमंत्री मोदी के व्यापक दृष्टिकोण का परिचायक है। कृषि क्षेत्र हमारे देश में महत्वपूर्ण है, जिसमें निरंतर प्रगति हो रही है, उत्पादन बेतहाशा बढ़ा है व भारत अग्रणी है, उसमें किसानों-वैज्ञानिकों का प्रमुख योगदान है। इनके कड़े परिश्रम से हमारा देश आज दुनिया को आपूर्ति करने वाला बन गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों के लिए प्रधानमंत्री जी सदैव चिंतित रहते है, इसीलिए कृषि बजट लगभग 5 गुना बढ़ाया गया है। किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी महत्वाकांक्षी योजना मोदी जी ने प्रारंभ की, जिसमें अभी तक 2.60 लाख करोड़ रु. करोड़ों किसानों के खातों में जमा कराए जा चुके हैं। ये राशि बिना बिचौलियों के सीधे किसानों को मिलती है। इसी तरह, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सुरक्षा कवच के रूप में है, जिसमें अभी तक किसानों द्वारा 29 हजार करोड़ रु. प्रीमियम जमा कराई गई, जबकि नुकसान वाले किसानों को 1.40 लाख करोड़ रु. क्लेम दिया जा चुका है। देश के सभी किसानों को इस योजना से जोड़ने का प्रयत्न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एफपीओ देश में कृषि क्षेत्र में परिवर्तन लाने, छोटे किसानों को सशक्त बनाने व कृषि परिदृश्य को बदलने के अभिप्रेरक के रूप में उभरे हैं। एफपीओ के जरिये किसान संगठित होते हैं। अपने संसाधन साझा करने, ज्ञान के आदान-प्रदान व उपज बिक्री के लिए किसानों की बाजार तक पहुंच में भी एफपीओ सक्षम बनाते हैं, इसीलिए प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में 10 हजार नए एफपीओ बनाने की योजना सृजित कर इसे क्रियान्वित किया जा रहा है। केंद्र सरकार इस योजना पर 6,865 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने जैविक व प्राकृतिक खेती करने के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि केंद्र कृषि क्षेत्र में राज्यों के साथ मिलकर लगातार काम कर रहा है।