आवासन आयुक्त विदाई कार्यक्रम— कार्यशैली से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा उनमें से पवन अरोड़ा भी हैं एक -नगरीय विकास मंत्री आवासन आयुक्त को कार्मिकों ने दी नम पलकों से भावभीनी विदाई

आवासन आयुक्त विदाई कार्यक्रम— कार्यशैली से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा उनमें से पवन अरोड़ा भी हैं एक -नगरीय विकास मंत्री आवासन आयुक्त को कार्मिकों ने दी नम पलकों से भावभीनी विदाई
नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड के कायाकल्प का श्रेय आवासन आयुक्त श्री पवन अरोड़ा को जाता है।  उन्होंने कहा कि मैं इनकी विदाई पर भावुक हूं और दुखी भी, लेकिन इनके सुखद भविष्य की कामना करता हूं।
धारीवाल शुक्रवार को आवासन मंडल के मुख्यालय आवास भवन में आयुक्त श्री पवन अरोड़ा के भव्य विदाई समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने नगरीय विकास को एक नई दिशा दी।
धारीवाल ने कहा कि अरोड़ा ने 1998 में 'ऑपरेशन पिंक' के दौरान जयपुर के बरामदे खाली करने में प्रभावी भूमिका निभाई थी। इन अधिकारियों की कार्यशैली से अन्य अधिकारी भी प्रेरणा लेते हैं। उन्होंने कहा कि अरोड़ा ने आवासन मंडल के पारंपरिक काम के साथ लीक से हटकर कोचिंग हब, चौपाटी, सिटी पार्क का निर्माण कराया। आज ये निर्माण न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में चर्चित हैं।
आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने भावुक होते हुए कहा कि आज जिस मुकाम पर हम हैं। उसका पूरा श्रेय मैं टीम को देता हूं। यह मेरी नहीं बल्कि संस्थान और पूरी टीम की उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि जीवन आगे बढ़ते रहने का नाम है। आप सबने मेरा सहयोग किया, मैं हर समय आप सबके लिए तत्पर तैयार मिलूंगा।
आवासन भवन के मुख्यालय आवास भवन में हुए भव्य विदाई समारोह में शामिल ज्यादातर लोगों की आंखें नम थीं। हर कोई आयुक्त की कार्यशैली, अनुशासन, मिलनसारिता और समयबद्धता की तारीफ करता नजर आया। आयुक्त पवन अरोड़ा को मंडल के अधिकारियों और कार्मिकों ने भीगी पलकों से भावभीनी विदाई देते हुए नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी।
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दशरथ सिंह ने कहा कि उन्होंने सदैव कर्मचारी हितों को प्राथमिकता दी। इन्हीं के शासन में मंडल ने 118 करोड़ से हजारों करोड़ तक पहुंचाया। इन्हीं के प्रयासों से 34 साल बाद मंडल में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो पाई। 
मण्डल सचिव अल्पा चौधरी ने कहा कि अरोड़ा ने हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीन दर्जन से ज्यादा पुरस्कार दिलवाए। 
मुख्य अभियंता प्रथम अमित अग्रवाल ने कहा कि विभिन्न योजनाओं की डिजाइन और प्लानिंग में आयुक्त इतनी दिलचस्पी रखते हैं कि चीफ इंजीनियर से लेकर चीफ आक्टिेक्चर तक की भूमिका वे ही निभाते नजर आते हैं। बात सिटी पार्क, कोचिंग हब, चौपाटियों की हो या विधायक आवास परियोजना की आयुक्त ने हर छोटी-छोटी डिटेल्स का ध्यान रखा। उनकी प्राथमिकता निर्माण के साथ रखरखाव पर भी पूरी तरह रही।
मुख्य अभियंता मनोज गुप्ता ने उद्बोधन देखकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। इस अवसर पर फर्स्ट इंडिया के चैनल हेड जगदीश चंद्र, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुषमा अरोड़ा सहित कई अन्य राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी मौजूद रहे।
आवासन आयुक्त की लीडरशिप में मंडल की उपलब्धियां एक नजर—
अधिशेष आवासों का निस्तारण: मण्डल को विरासत में लगभग 20 हजार बिना बिके आवास मिले थे इनमें से मण्डल ने 15,976 अधिशेष आवासों को ई-ऑक्शन, खुली बिक्री योजना, बुधवार नीलामी उत्सव, स्वर्ण जयंती उपहार योजना, ई-बिड सबमिशन से पूर्ण पारदर्शिता के साथ बेचान किया, जिससे मण्डल ने 2 हजार 368 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया।
प्रीमियम सम्पत्तियों का निस्तारणः मण्डल की बिखरी हुई अवस्था में पड़ी सम्पत्तियों का चिह्नीकरण एवं 1,214 व्यावसायिक व 420 आवासीय सम्पत्तियों का नीलामी से विक्रय कर कुल 1634 सम्पत्तियों से मण्डल को 1 हजार 974 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया।
”अपनी दुकान-अपना व्यवसाय“ योजना से निस्तारणः”अपनी दुकान- अपना व्यवसाय“ योजना के अन्तर्गत 27 वर्गमीटर तक के 1559 भूखण्ड/निर्मित दुकान व 27 वर्गमीटर से अधिक के 163 भूखण्ड/निर्मित दुकानों का विक्रय कर कुल 1722 सम्पत्तियों से मण्डल को 277 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया।
रिकॉर्ड राजस्व संग्रहणः महज 4 वर्ष की अल्पावधि में अधिशेष आवासों के विक्रय, प्रीमियम सम्पत्तियों के ई-ऑक्शन, लीज मनी और बकाया किश्तों की वसूली से मण्डल का टर्न ओवर लगभग 10 हजार करोड़ रूपये तक पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री जन आवास योजनाः  मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत जयपुर व भिवाडी में 7 प्रोजेक्ट मण्डल ने हाथ मे लिये हैं, जिनके लगभग ढाई हजार फ्लैट्स का कब्जा हम आगामी एक माह में सुपुर्द कर देंगे तथा लगभग 2 हजार फ्लैट्स का कब्जा सितम्बर माह तक दे दिया जावेगा।
छोटे शहरों में नवीन आवासीय योजनाएंः मण्डल द्वारा वर्ष 2021 में 15 योजनाओं में 2967 आवासों का निर्माण पूर्ण कर कब्जा सुपुर्द कर दिया गया। साथ ही लगभग 750 आवास निर्माणाधीन एवं वर्ष 2023 में 27 योजनाओं का शुभारम्भ किया गया जिनमें 4569 आवासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
प्रमुख वृहद् परियोजनाएंः मण्डल द्वारा लीक से हटकर वृहद स्तर पर देश का प्रथम कोचिंग हब, विश्वस्तरीय सिटी पार्क व फाउंटेन स्क्वायर, फैमिली गेदरिंग के लिये प्रताप नगर व मानसरोवर में जयपुर चौपाटियां, कोटा की कुन्हाडी आवासीय योजना में कोटा चौपाटी, माननीय विधायकगणों के लिये कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान, एन.आर.आई. क्लब-21, 125 ओपन एयर जिम की स्थापना और इंदिरा गांधी नगर, जयपुर में 60 मीटर चौडे गंगा मार्ग का सुदृढीकरण एवं सौन्दर्यकरण भी किया गया।
मण्डल की प्रमुख आवासीय परियोजनाएंः प्रताप नगर में राज्य के शिक्षकोें एवं प्रहरियों के लिये मुख्यमंत्री शिक्षक एवं प्रहरी आवासीय योजना, एआईएस रेजीडेन्सी फेज- प्रथम एवं द्वितीय, माननीय विधायकगणों के लिये विधायक आवास परियोजना, प्रताप नगर में स्टूडियों अर्पाटमेंट, एनआरआई स्काई पार्क, एस.एस. रेजीडेन्सी व एमएनआईटी के फैकल्टी हेतु योजना बनाई गई।
राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त अवार्डः आवासन मण्डल को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन द्वारा 6 वर्ल्ड रिकॉर्ड्स सेे भी नवाजा गया है जो किसी भी सरकारी संस्था के लिये अपने आप में एक बहुत बडी उपलब्धि है। साथ ही इन 4 सालों में 35 अवॉर्ड्स/प्रशंसा पत्र मंडल ने अपने नाम किये हैं।