दिवस विशेष : विश्व गौरैया दिवस
आज 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस के रुप में मनाया जाता है।
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‘अनाज के खेतों के लिए एक आंदोलन’
उद्देश्य
गौरैया के बारे में जागरूकता बढ़ाना एवं घरेलू गौरैया के संरक्षण को सुनिश्चित करना।
शुरुआत
◆ सबसे पहले ‘द नेचर फॉरएवर सोसाइटी ऑफ इंडिया’ एवं ‘फ्राँस के इको-एसआईएस एक्शन फाउंडेशन’ द्वारा विश्व गौरैया दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था ।
◆ पहला विश्व गौरैया दिवस वर्ष 2010 में मनाया गया था।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:
◆ गौरैया के संरक्षण और शहरी जैव विविधता के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए इसे एक मंच के रूप में उपयोग करने पर विचार किया गया।
◆ घरेलू गौरैया दुनिया में सबसे व्यापक और सामान्य तौर पर देखा जाने वाला जंगली पक्षी है।
◆ गौरैया की घटती हुई आबादी का प्रमुख कारण बढ़ता हुआ प्रदूषण, शहरीकरण, ग्लोबल वार्मिंग और लुप्त होते पारिस्थितिक तंत्र है
◆ गौरैया की घरेलू प्रजाति के अलावा 26 विशिष्ट प्रजातियां भी हैं।
◆ यह सभी प्रजातियां एशिया अफ्रीका एवं यूरोप जैसे तीन महाद्वीपों में पाई जाती है।
◆ पूरे विश्व में घरेलू गौरैया को पहुंचाने का श्रेय यूरोपियों को दिया जाता है। यह न्यूजीलैंड,ऑस्ट्रेलिया,उत्तरी अमेरिका, भारत और यूरोप सहित दुनिया के बड़े भूभाग पर की जाने वाली पक्षी है।
◆ गोरैया चीन, इंडोनेशिया, जापान साइबेरिया व ऑस्ट्रेलिया एवं उष्णकटिबंधीय अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में नहीं देखी जाती है।
◆ गौरैया की ब्लू होती प्रजाति चिंता का विषय है जिस पर हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा तभी जाकर इसको कुछ हद तक काबू में लाया जा सकता है।