बड़ी खबर: राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द
◆ हाल ही में संसद द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी है।
◆ आज 24 मार्च 2023 को लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी करके कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी है।
◆ इस अधिसूचना में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102(1)(e) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 को आधार बनाया गया।
◆ इस अधिसूचना के तहत केरल की वायनाड लोकसभा सीट के सांसद राहुल गांधी को सज़ा सुनाए जाने के दिन (23 मार्च, 2023) से अयोग्य करार दिया जाता है।
आख़िर क्या है मामला?
◆ राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करने के पीछे का वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सरनेम पर टिप्पणी करने को लेकर है
◆ यह मामला तब खबरों में आया जब 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव की रैली के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर एक टिप्पणी की थी। राहुल गांधी ने कहा था, 'कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?
◆ इसी को लेकर सूरत पश्चिम के भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ सूरत में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। ◆ उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है।
◆ राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था। ◆ 23 मार्च 2023 को सूरत की इस अदालत ने राहुल गांधी को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी।
◆ आईपीसी की धारा 499
मौखिक, लिखित या संकेतों के माध्यम से किसी भी प्रतिष्ठा पर चोट करना मानहानि करार दिया जाता है। लेकिन ऐसे मामलों में पुलिस स्वतः संज्ञान नहीं लेती है और बिना वारंट गिरफ्तारी भी नहीं करती है।
अन्य तथ्य
◆ मोदी सरनेम को लेकर जो धाराएं राहुल गांधी पर लगाई गई है इसके तहत अगर किसी व्यक्ति को दोषी ठहराया जाता है और उसे दो साल या उससे अधिक की सज़ा मिलती है तो वह सदन के सदस्य बना रहने के योग्य नहीं रह जाएगा और इसका अंतिम निर्णय सदन के स्पीकर का होगा।
◆ प्रावधान के मुताबिक़, वह सांसद या विधायक दोषी ठहराए जाने की तारीख से ही अयोग्य घोषित माना जाएगा और उसकी रिहाई के छह साल तक वह अयोग्य बना रहेगा। इसका मतलब है कि राहुल गांधी दो साल की सज़ा और उसके बाद छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
निष्कर्ष : जिस तरीके से राहुल गांधी पर प्रतिबंध लगा है और सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है उसका लेकर दिक्कतों का सामना उनको भविष्य में जरूर करना पड़ेगा और यह मामला जिस तरीके का है उसे देखते हुए अभी अगले 6 वर्ष तक वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। राहुल गांधी के लिए आगे की राह कैसी होगी यह तो भविष्य में ही देखने को मिलेगी अभी जो मुद्दा है वह चारों और सुर्खियां बटोर रहा है और इसको लेकर हर कोई अपनी ओर से टिप्पणियां कर रहा है