मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के वर्तमान परिस्थितियों में गांधी दर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार महात्मा गांधी के विचारों व मूल्यों से नई पीढ़ी को रूबरू करवाने के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है। इसी क्रम में गांधी जयंती के अवसर पर जयपुर में अहिंसा क्रांति रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली के माध्यम से गांधीजी के सिद्धांतों को आमजन तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर में उत्पन्न परिस्थितियां चिंताजनक हैं। देश के अन्य हिस्सों में इस तरह का वातावरण ना निर्मित हो, इसके लिए गांधी दर्शन का प्रचार-प्रसार महत्वपूर्ण है।
गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम जोधपुर में महात्मा गांधी जीवन दर्शन पर आयोजित ‘गांधियन वे ऑफ वर्ल्ड पीस एंड नॉन वायलेंस इन कन्टेम्परेरी टाइम्स’ विषयक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के महाविद्यालयों में संचालित गांधी अध्ययन केन्द्र, नेहरू अध्ययन केन्द्र, अंबेडकर अध्ययन केन्द्र एवं महिला अध्ययन केन्द्र आदि के लिए राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्य और अहिंसा का कोई विकल्प नहीं है। अहिंसा के बल पर महात्मा गांधी ने देश में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया। गांधीजी के सिद्धांतों में संवेदनशीलता की भूमिका महत्वपूर्ण है। गांधी दर्शन का प्रसार करने के लिए राज्य में शांति एवं अहिंसा विभाग खोला गया है। साथ ही, जयपुर में गांधी दर्शन म्यूजियम बन रहा है। प्रदेश में लाखों बच्चे गांधी दर्शन का प्रशिक्षण ले रहे हैं। गहलोत ने कहा कि राजभवन में संविधान पार्क की स्थापना की गई है। प्रदेश में 2500 महात्मा गांधी सेवा केन्द्र खोलने की घोषणा की गई है। इनमें गांधी सेवा-प्रेरक के रूप में युवाओं को जोड़ने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के जीवन से शांति, अहिंसा, सत्य एवं अपरिग्रह जैसे आदर्शों को समाहित करने से समाज को एक नई दिशा मिल सकती है।