वासुदेव देवनानी सर्वसम्मति से 16वीं राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष निर्वाचित
वासुदेव देवनानी गुरुवार को 16वीं राजस्थान विधान सभा के सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित किये गए। देवनानी राजस्थान विधान सभा के 18वें अध्यक्ष हैं। देवनानी को अध्यक्ष चुने जाने के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सदन में प्रस्ताव रखा जिसका पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अनुमोदन किया। सदन द्वारा ध्वनिमत से प्रस्ताव को पारित कर देवनानी को अध्यक्ष निर्वाचित कर परम्परा को कायम रखा। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी देवनानी के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका विधायक राजकुमार रोत ने अनुमोदन किया। वहीं, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव का विधायक चन्द्रभान सिंह चौहान तथा विधायक श्री हनुमान बेनीवाल के प्रस्ताव का विधायक डॉ. सुभाष गर्ग ने अनुमोदन किया।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी एवं डॉ. प्रेम चन्द बैरवा सहित सदन में उपस्थित सदस्यों ने देवनानी को अध्यक्ष पद के निर्वाचित होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। नवनिर्वाचित अध्यक्ष नी को पक्ष व प्रतिपक्ष के सदस्यों द्वारा आसन तक ले जाया गया।
नवनिर्वाचित विधान सभा अध्यक्ष देवनानी ने शुभकामनाओं के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्थान विधान सभा के इस सदन की महान परम्पराएं रहीं हैं और वे सदन की मान-मर्यादा तथा परम्पराएं बनाए रखने के लिए सर्वदा प्रयासरत रहेंगे। साथ ही, सदन की ज्यादा से ज्यादा बैठकें और सार्थक बहस हो, इसके लिए भी वे प्रयास करेंगे। उन्होंने सदन को अध्यक्ष पद की गरिमा एवं निष्पक्षता बनाये रखने के लिए आश्वस्त किया। साथ ही, सभी सदस्यों से भी उम्मीद जताई कि वे नियमों का पालन कर संसदीय परम्पराओं को समृद्ध बनाएंगे। उन्होंने सदस्यों से आह्वान किया कि वे सदन के नियम एवं प्रक्रियाओं का अध्ययन करें ताकि उन्हें सदन की प्रक्रियाओं का ज्ञान हो सके।
इस अवसर पर वसुंधरा राजे, सचिन पायलट, गोविन्द सिंह डोटासरा, अनिता भदेल, डॉ. सुभाष गर्ग, गजेन्द्र सिंह खींवसर, चन्द्रभान सिंह चौहान, हनुमान बेनीवाल, जुबेर खान, युनूस खान एवं राजकुमार रोत सहित अन्य सदस्यों ने भी देवनानी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
नवनिर्वाचित 6 विधायकों को दिलाई शपथ
विधान सभा के प्रथम सत्र के दूसरे दिन आज प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने 6 नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। उन्होंने बहादुर सिंह, भागचन्द टांकड़ा, महंत बालकनाथ, विरेन्द्र सिंह, श्रीचन्द कृपलानी एवं सोहनलाल नायक को विधानसभा सदस्य के रूप में संविधान के प्रति निष्ठा और कर्तव्यों के श्रद्धापूर्वक निर्वहन की शपथ दिलाई।