राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा है कि जीएसटी परिषद की सिफारिश के अनुरूप कैसीनो और ऑनलाइन गेमिंग के लिए आपूर्ति के मूल्य के सम्बंध में अंतिम निर्णय लिए जाने से पहले इस मुद्दे पर विस्तृत परीक्षण एवं विचार विमर्श जरूरी है। डॉ. कल्ला ने बुधवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी परिषद की 51 वीं बैठक में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्य का मत रखा। वे जयपुर में शासन सचिवालय स्थित एनआईसी के स्टूडियो से इस बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से शिरकत कर रहे थे।
शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिश के अनुसार कैसीनो, रेसकोर्स और ऑनलाइन गेमिंग के लिए भुगतान किए गए पूर्ण दांव मूल्य/अंकित मूल्य (फुल बैट वैल्यू/फेस वैल्यू) पर कर आरोपित होगा। वहीं आपूर्ति के मूल्य (वैल्यू ऑफ सप्लाई) के लिए परिषद की सिफारिश कैसीनो और ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक समान है। इसलिए, आपूर्ति मूल्य के सम्बंध में अंतिम निर्णय लेने से पूर्व इसका विस्तृत परीक्षण एवं विचार विमर्श किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत की दर लागू करना इसे बेटिंग और गेम्बलिंग की श्रेणी से पृथक करने को बाधित नहीं करता है।
डॉ. कल्ला ने बैठक में प्रदेश के पक्ष को स्पष्ट करते हुए कहा कि केन्द्रीय इलैक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडयरी गाइडलाइन एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 पारित किए गए, इसमें ऑनलाइन गेमिंग के लिए विस्तृत दिशा निर्देश निर्धारित किए गए थे। इन नियमों में 6 अप्रैल 2023 को संशोधन किया गया, जिसमें अनुमत (परमिसिबल) ऑनलाइन गेम और अनुमत ऑनलाइन रियल मनी गेम की अवधारणा को शामिल करते हुए परिभाषित किया गया है। ऐसे में सरकार के सभी विभागों को एक ही सिद्धांत पर काम करना चाहिए और किसी विषय विशेष पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत विभाग द्वारा लिए गए किसी भी मौलिक निर्णय को अन्य विभागों द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए, जिससे नियमों और निर्देशों में स्पष्टता एवं वस्तुपरकता आए। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय इलैक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अनुमत ऑनलाइन गेमिंग की अवधारणा को शामिल किया है, ऐसे में इसे जीएसटी कानून के तहत बेटिंग और गेम्बलिंग के साथ जोड़ना, इन नियमों की भावना के विपरीत होगा। बैठक में राजस्थान की ओर से शासन सचिव वित्त (राजस्व) श्री कृष्ण कांत पाठक और वाणिज्यिक कर आयुक्त श्री रवि कुमार सुरपुर के अलावा अन्य सम्बंधित अधिकारी भी शामिल हुए।