निदेशक खान एवं भूविज्ञान भगवती प्रसाद कलाल ने माइनर मिनरल प्लॉट्स के डेलिनियेशन के लिए प्राथमिकता से खनिज क्षेत्र चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए प्रदेश की निरस्त माइंस, राज्य सरकार को सरेण्डर की गई माइंस, लीज अवधि समाप्त हो चुकी माइंस और अन्य खनिज क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर डेलिनियेशन के काम में तेजी लाई जाए। खान एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारियों से बुधवार और गुरुवार को वीसी के माध्यम से रुबरु होते हुए कलाल ने कहा कि अवैध खनन प्रभावित क्षेत्रों और गेप एरिया में डेलिनियेशन के काम को प्राथमिकता दी जाए ताकि ऐसे खनिज क्षेत्रों के प्लॉट तैयार कर ऑक्शन किया जा सके।
निदेशक माइंस कलाल ने कहा कि राज्य सरकार अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रही हैं और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जिनके पास खान विभाग भी है अवैध खनन गतिविधियों को लेकर गंभीर है। मुख्यसचिव श्री सुधांश पंत व खान सचिव श्रीमती आनन्दी विभागीय अधिकारियों के साथ ही जिला कलक्टरों से समन्वय बनाते हुए अभियान चलाकर कार्रवाई व उसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
कलाल ने कहा कि विभाग की जियोलोजी विंग को प्रतिमाह माइनर मिनरल के ऑक्शन के लिए 1173 हैक्टेयर क्षेत्रफल के प्लॉट और मिनरलों की खोज के लिए प्रतिमाह 970 मीटर ड्रिलिंग के लक्ष्य दिए गए हैं। उन्होंने सभी 19 अधीक्षण भूविज्ञानी और वरिष्ट भूविज्ञानी कार्यालयों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि माइनिंग विंग व जियोलोजी विंग में परस्पर समन्वय सहयोग से ऑक्शन के लक्ष्यानुसार प्लॉट तैयार किये जाएं।
बैठक में ई-फाइलिंग, ई-डाक, ई-फाइल निष्पादन की चर्चा करते हुए निस्तारण समय को न्यूनतम स्तर पर लाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। परिवेश पोर्टल में 31 जुलाई के पहले पहले फार्म 2 अपलोड करने के निर्देश दिए।