खान सचिव आनन्दी ने कहा है कि प्रदेश में मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्य में जुटी केन्द्र व राज्य की संस्थाओं से परस्पर समन्वय व सहयोग से खनिज खोज कार्य को गति दी जावें। उन्होंने कहा कि मेजर और माइनर खनिज प्लॉटों की नीलामी में राजस्थान देश के अग्रणी प्रदेशों में शुमार हो गया है। उन्होंने एनएमईटी के माध्यम से अधिक से अधिक एक्सप्लोरेशन कार्य चलाने को कहा ताकि प्रदेश में खनिज खोज कार्य में और अधिक तेजी आ सके। उन्होंने बताया कि वर्ष 24-25 में मेजर मिनरल के 7 लाइमस्टोन, दो गोल्ड, 1 बेसमेटल, 1 सिलियोसिस और 4 आयरन ओर के कुल 15 ब्लाकों में 9 ब्लॉकों की माइनिंग लीज व 6 की कंपोजिट लाइसेंस के लिए नीलामी की जा चुकी है। इसके अलावा लाइमस्टोन के चार ब्लॉकों की नीलामी 7 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी।
खान सचिव आनन्दी खनिज भवन में 6ठीं ज्वाइंट वर्किंग ग्रुृप की बैठक की अध्यक्षता कर रही थी। जेड्ब्लूजी में केन्द्र सरकार के खान मंत्रालय, केन्द्र सरकार के उपक्रम जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन लि., आईबीएम, राज्य खनिज व भूविज्ञान विभाग, वन व पर्यावरण विभाग व आरएसएमईटी आदि के प्रतिनिधि शामिल है। केन्द्र व राज्य की संस्थाओं द्वारा प्रदेश में एक्सप्लोरेशन और उसकी रिपोर्ट व खनिजों के खोज परिणामों के आधार पर सरकार को जियोलोजिकल रिपोर्टस और जियोलोजिकल मेमोरेण्डम प्रस्तुत किये जाते हैं जिनके आधार पर आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करते हुए मिनरल ब्लॉक्स की नीलामी की जाती है।
आनन्दी ने विभागीय अधिकारियों को जीएसआई व एमईसीएल से प्राप्त रिपोर्ट्स का परीक्षण कर खनिज प्लाट्स के ऑक्शन के लिए तैयार करने को कहा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा खनिज ब्लॉकों की नीलामी का मासिक कैलेण्डर तैयार कर ऑक्शन करने के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
केन्द्रीय खान मंत्रालय के उप सचिव धीरज कुमार और निदेशक तकनीकी प्रदीप सिंह ने प्रदेश में मिनरल ब्लॉकों की नीलामी पर संतोष व्यक्त करते हुए और तेजी लाने पर जोर दिया।
निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि प्राप्त जीआर और जीएम के आधार पर विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
जीएसआई के निदेशक श्री हरीश मिस्त्री ने बताया कि जीएसआई द्वारा राज्य सरकार को 39 जियोलोजिकल रिपोर्टस और 45 जियोलोजिकल मेमोरेंडम दिये गये हैं वहीं एमईसीएल द्वारा 42 जियोलोजिकल मेमोरेंडम दिये गये हैं।