जोधपुर डिस्कोम का फर्जीवाड़ा: बिलिंग प्रक्रिया पर उठे सवाल
जोधपुर: हाल ही में जोधपुर डिस्कोम के बिलिंग प्रक्रिया में कथित फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिससे उपभोक्ताओं में नाराजगी फैल गई है। इस मामले में जोधपुर डिस्कोम ने बिलिंग तिथि और रीडिंग तिथियों के बीच असंगति के कारण उपभोक्ताओं को असुविधा का सामना करना पड़ा है।
घटना का विवरण
1 जुलाई को रीडिंग ली गई और 9 जुलाई को बिल जनरेट किया गया। उपभोक्ताओं को 16 जुलाई तक बिल भरने की अंतिम तिथि दी गई थी। परंतु, इसके ठीक पहले, 13 जुलाई को अगले बिल के लिए रीडिंग ली गई, जिससे उपभोक्ताओं में असमंजस और नाराजगी फैल गई है।
उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया
कई उपभोक्ताओं ने इस असंगति पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब 16 जुलाई तक पिछला बिल भरने की अंतिम तिथि थी, तो 13 जुलाई को नए बिल के लिए रीडिंग लेना अनावश्यक है और यह फर्जीवाड़ा प्रतीत होता है।
डिस्कोम का पक्ष
जोधपुर डिस्कोम के अधिकारियों ने इस मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह एक तकनीकी गलती थी और इस तरह की घटनाएं दुर्लभ हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस प्रकार की गलती भविष्य में नहीं दोहराई जाएगी और उपभोक्ताओं की असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया।
आगे की कार्रवाई
उपभोक्ताओं की शिकायतों के बाद, जोधपुर डिस्कोम ने जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
यह घटना जोधपुर डिस्कोम की बिलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता और उपभोक्ता सेवा में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है। उपभोक्ताओं को उम्मीद है कि जल्द ही इस मुद्दे का समाधान किया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।