भारत और ऑस्ट्रेलिया 21वीं सदी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दोतरफा आवाजाही के जरिए संबंधों को प्रगाढ़ कर रहे हैं : श्री धर्मेन्द्र प्रधान
ऑस्ट्रेलिया के दो विश्वविद्यालय जल्द ही गुजरात की गिफ्ट सिटी में कैंपस खोलेंगे : श्री धर्मेन्द्र प्रधान शिक्षा की ताकत न केवल व्यक्तियों के जीवन को बदल देती है, बल्कि राष्ट्रों में भी व्यापक बदलाव लाती है: ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री श्री जेसन क्लेयर
शिक्षा मंत्री श्री जेसन क्लेयर के नेतृत्व में भारत के दौरे पर आए ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और इसके साथ ही आज नई दिल्ली में विद्यार्थी सहभागिता कार्यक्रमों में भाग लिया। दोनों पक्षों ने शिक्षा क्षेत्र में अपनी साझेदारी को स्कूली शिक्षा, उच्च और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्रों में आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने दोनों देशों में युवाओं को सशक्त बनाने और शिक्षा एवं कौशल क्षेत्र को और अधिक जीवंत बनाने के लिए आपसी जुड़ाव को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों मंत्रियों ने उच्च शिक्षा, कौशल और अनुसंधान क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सुलभ कराने की तलाश करके संस्थागत सहयोग और दोतरफा गतिशीलता या आवाजाही बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। शिक्षा के क्षेत्र में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को मजबूत करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री श्री जेसन क्लेयर 28 फरवरी से लेकर 4 मार्च 2023 तक भारत के 5 दिवसीय दौरे पर हैं।
दोनों मंत्रियों ने आज सुबह श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘दोतरफा आवाजाही के माध्यम से संबंधों को मजबूत करना’ विषय पर आयोजित छात्र जुड़ाव कार्यक्रम में भाग लिया। अन्य विशिष्ट अतिथियों में भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त माननीय बैरी ओ' फैरेल, और पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर श्री एडम गिलक्रिस्ट शामिल थे, जो वॉलोन्गॉन्ग विश्वविद्यालय के वैश्विक ब्रांड एंबेसडर भी हैं। 21 ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के कुलपति/प्रोवोस्ट के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्यजनों को संबोधित करते हुए श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया 21वीं सदी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दोतरफा आवाजाही के माध्यम से संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा हर बदलाव की कुंजी है। अत: शिक्षा सभी बदलावों और साझेदारियों की स्वाभाविक ‘जननी’ है। श्री प्रधान ने कहा कि शैक्षणिक संबंधों को मजबूत करने से दोनों देशों के छात्रों को विविध सांस्कृतिक परिवेशों में सीखने और नए अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिससे ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य’ के मूल्यों को सही मायने में कायम रखा जा सकेगा, जो कि भारत की जी20 अध्यक्षता की थीम भी है। श्री प्रधान ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के दो विश्वविद्यालय जल्द ही गुजरात की गिफ्ट सिटी में कैंपस खोलेंगे। उन्होंने यह बात दोहराई कि भारत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को अधिक सुलभ और किफायती बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री जेसन क्लेयर ने अपने संबोधन में कहा कि यह शैक्षणिक नीति निर्माताओं और विश्वविद्यालय के प्रशासनिक हितधारकों का एक उच्चाधिकार प्राप्त प्रतिनिधिमंडल है जो भारत के साथ सहयोगात्मक संबंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा। विश्वविद्यालयों में जो होता है वह दुनिया को बदल सकता है क्योंकि शिक्षा की ताकत न केवल व्यक्तियों के जीवन को बदल देती है, बल्कि राष्ट्रों में भी व्यापक बदलाव लाती है। उन्होंने कहा कि कई ऑस्ट्रेलियाई जो दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षित हुए हैं, वे अब दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया 50 साल पहले की तुलना में आज एक बिल्कुल अलग देश है और यह शिक्षा की बदौलत ही संभव हुआ है। उन्होंने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने तीन ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों यथा वॉलोन्गॉन्ग विश्वविद्यालय, मैक्वेरी विश्वविद्यालय और मेलबर्न विश्वविद्यालय के साथ सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने बताया कि कल 10 नए एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। ऑस्ट्रेलियाई मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस तरह के शैक्षणिक एमओयू से व्यावसायिकता की पारस्परिक मान्यता के लिए भी एक व्यवस्था स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
मंत्री क्लेयर ने इसके साथ ही मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के स्वागत और आतिथ्य के लिए उनका धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया और कहा कि वह इस साल के आखिर में होने वाली ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा और कौशल परिषद की बैठक में फिर से उनसे भेंट करने के लिए उत्सुक हैं।
एडम गिलक्रिस्ट ने शिक्षा के क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत अपनी एनईपी के माध्यम से दुनिया की भावी शैक्षणिक रणनीतियों और नीतियों के लिए विशिष्ट आधार बन सकता है। ज्ञान, शिक्षा एवं विशेषज्ञता पारस्परिक लाभ के हैं और आज के युवा उस भविष्य के जीवंत माध्यम हैं क्योंकि शिक्षा को लेकर दोनों ही देशों के बीच समान जुनून है।
प्रोफेसर सी. शीला रेड्डी, प्राचार्य, श्री वेंकटेश्वर कॉलेज ने स्वागत भाषण दिया। श्री. वाई.वी. सुब्बा राव, अध्यक्ष, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को सूचित किया कि श्री वेंकटेश्वर कॉलेज विभिन्न क्षेत्रों में स्नातक, स्नातकोत्तर और प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है।
इसके बाद एक संवादात्मक सत्र हुआ, जिसमें छात्रों ने दोनों देशों के शिक्षा मंत्रियों से अपने प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर गणमान्य मंत्रियों ने काफी विस्तार से दिया। उन्होंने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखा, जिसमें ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को प्रदर्शित करने वाले विभिन्न भारतीय राज्यों के भारतीय नृत्य रूपों को दर्शाया गया था। श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में एक दोस्ताना क्रिकेट मैच भी आयोजित किया गया था जिसमें श्री एडम गिलक्रिस्ट की उपस्थिति एक अतिथि के रूप में थी।
बाद में दोनों मंत्रियों ने केंद्रीय विद्यालय नंबर 2, दिल्ली छावनी का दौरा किया, जहां ऑस्ट्रेलियाई मंत्री ने स्कूल के छात्रों के साथ संवाद किया और स्कूल के परिसर- प्राथमिक कक्षा I और II, अटल टिंकरिंग लैब, विज्ञान प्रयोगशालाओं और कंप्यूटर लैब का मुआयना किया। उन्होंने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखा जिसमें ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ विषय पर नृत्य प्रस्तुति दी गई और इसके साथ ही योग प्रस्तुति दी गई। युवा छात्रों और नवोन्मेषकों ने हमारी कक्षाओं में अभ्यास कराए जाने वाले गतिविधि-आधारित, आनंदमय और जिज्ञासा- आधारित शिक्षण की झलक दी, जैसा कि एनईपी 2020 में परिकल्पित किया गया है।
श्री जेसन क्लेयर ने स्कूली छात्रों की अद्वितीय रचनात्मकता, विशेष रूप से अटल टिंकरिंग लैब में प्रदर्शित उल्लेखनीय मॉडलों पर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की, जहां छात्रों ने अपने द्वारा बनाए गए मॉडलों को प्रदर्शित किया।
इस भ्रमण का समापन विद्यालय परिसर में पौधरोपण अभियान के साथ हुआ।