गहलोत शासन में बेटियां भयभीत, घर से कैसे निकले— सुमन शर्मा
राजस्थान महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा ने भाजपा मीडिया सेेंटर पर आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासन में महिला अत्याचार के मामलों में हुई बढोतरी के कारण अब बेटियों को अकेले घर से निकलने में डर लगने लगा है। हालात यह है कि यहां बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में पिछले दो दिनों में महिला उत्पीडन के करीब एक दर्जन मामले सामने आए हैं जिसमें दो मामले तो महिलाओं से गैंगरेप के है। पिछले दिनों प्रतापगढ में महिला को नग्न कर घुमाने वाली घटना ने राजस्थान को शर्मसार किया था वहीं उसी प्रतापगढ में कांग्रेस के प्रत्याशी रामलाल मीणा के पिता के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ है। इससे पहले भी कांग्रेस के मंत्री महेश जोशी और जौहरीलाल मीणा के पुत्रों पर दुष्कर्म के मामले दर्ज हो चुके है। कांग्रेस नेताओं के परिजनों पर दुष्कर्म के ये मामले कांग्रेस पार्टी का चाल, चरित्र और चेहरा बताते हैं। इन घटनाओं से पता चल गया कि महिलाओं की कांग्रेस सरकार के शासन में क्या स्थिति है। उन्होंने कहा कि लडकी हूं, लड सकती हूं का नारा देने वाली प्रियंका गांधी राजस्थान में महिलाओं की दशा पर एक बार भी नहीं बोली यह शर्मनाक है। राजस्थान की महिलाएं और बेटियां प्रियंका गांधी को जवाब दे रही है कि अब राजस्थान सुरक्षित होगा क्योंकि यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी है। उन्होंने कहा कि महिला दुष्कर्म में बढोतरी के मामले सीएम गहलोत के ताबूत में आखिरी और गहरी कील साबित होंगे।
राजस्थान में पैदा होते बच्चें पर गहलोत ने चढाया 80 हजार का कर्ज
इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता राखी राठौड ने कहा कि गहलोत सरकार के कुशासन के कारण यहां पैदा होते बच्चे पर 80 हजार का कर्ज चढ गया है। मुख्यमंत्री स्वयं को फकीर कहते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि उनके कुशासन के कारण राजस्थान आर्थिक मोर्चे पर फकीर बन गया है। कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार और वित्तीय कुप्रबन्धन के कारण खजाने की हालत यह है कि रोडवेज कर्मचारियों को सैलरी देने का लाले पडे हुए है। बाल गोपाल योजना में दूध पाउडर सप्लाई करने वाली फर्म का पैसा बकाया है, बुजुर्गो और दिव्यांगो की पेंशन का भुगतान नही हो पा रहा है। यहीं नहीं हालात इतने विकट हो गए हैं कि एसएमएस अस्पताल में रेजीडेंट्स को 11 माह से सैलरी नहीं मिली है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कर्ज लेकर घी पीने का कार्य किया है जिसके कारण राजस्थान पर कर्ज बढकर 5.37 लाख करोड हो गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दी जा रही गारंटियों पर सवाल खडे करते हुए कहा कि इसके लिए वित्तीय प्रावधान कहां रखे गए है इसका रोडमैप जनता के सामने रखें। जनता इन झूठी गारंटियों के चक्ककर में आने वाली नहीं है। राजस्थान में भ्रष्टाचार का आलम यह रहा है कि यहां डीओआईटी के कार्यालय में सोना और नकदी मिलती है जबकि इस विभाग के मुखिया खुद सीएम गहलोत थे।
सरकार के कुप्रबन्धन से महंगाई में नंबर वन बना राजस्थान
इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता पूजा कपिल ने कहा कि भ्रष्टाचार में राजस्थान देश में नंबर वन है। इसके साथ ही अब महंगाई में भी नंबर वन बन गया है। बिजली, पैट्रोल और डीजल की रेट देश में यहां सबसे अधिक है। इसके अलावा खाद्य पदार्थ पर भी महंगाई का साया है। भाजपा शासन के दौरान जहां आम उपभोक्ता को बिजली की सामान्य दर 5.55 रूपए प्रति यूनिट थी वहीं अब बढकर 11.90 रूपए हो गई है। यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पैट्रोल डीजल पर वेट बढाकर कौनसा खजाना भर रहे है उसे जनता के सामने रखें। अपने शासन में गहलोत ने किसी पर भरोसा नहीं किया इसके कारण उन्होंने वित्त, कार्मिक और गृह जैसे विभाग अपने पास रखे और इनमें वे फेल साबित हुए।