जयपुर, 6 मार्च। राज्य सरकार पशुओं एवं पशुपालकों के कल्याण के लिए समर्पित है। इसी दिशा में राज्य में निरंतर नित नयी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश में राज्य पशु ऊँट के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए " उष्ट्र संरक्षण योजना" लागू की गयी थी। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया के द्वारा इंटीग्रेटेड वेब पोर्टल का उद्घाटन गत माह किया गया था। श्री कटारिया की दूरगामी एवं पारदर्शिता सोच के परिणामस्वरूप राज्य के ऊंट पालकों ने विशेष रुचि दिखाते हुए भारी संख्या में पोर्टल पर आवेदन किया। वही ऊंट पालकों के बैंक खातों में 5000-5000 रुपए की प्रोत्साहन राशि स्थानांतरित किये जाने की प्रक्रिया विभाग द्वारा सतत रूप से की जा रही है।
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की अधिक जानकारी देते हुए शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने बताया, कि अब तक योजना अंतर्गत राज्य के विभिन्न जिलों से 16000 से अधिक ऊंट पालकों के आवेदन पोर्टल पर प्राप्त हो चुके है। उन्होंने बताया कि आवेदन की प्रक्रिया आईओएमएमएस पोर्टल के माध्यम से किये जाने की वजह से विभाग के पास भारी संख्या में ऊंटपालकों का अधिकृत आंकड़े संकलित हो चुके है। जिसका उपयोग विभाग द्वारा भविष्य में ऊंटपालकों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विभिन्न कार्य योजना बनाने में किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि 0-2 माह के टोडियों के जन्म के अवसर पर प्रदेश के ऊंट पालक योजना के लाभ के लिए आवेदन कर सकते है। उन्होंने बताया कि विभाग पूर्णतया आशान्वित है कि शीघ्र ही प्रदेश में ऊंटों की संख्या में इजाफा हो सकेगा साथ ही राज्य में ऊंट पालकों का भी आर्थिक संवर्धन देखने को मिलेगा।